निबंन्ध यदि मैं चिडिया होती (300शब्द)
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हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सभी, दोस्तों आज का हमारा आर्टिकल यदि मैं चिड़िया होती आप सभी के लिए बहुत ही ज्ञान दायक होगा आप हमारे इस आर्टिकल से जानकारी ले सकते हैं आपने देखा होगा कि बहुत से मनुष्य और हर बच्चे को पक्षी कितना पसंद होता है उसे बच्चे कितना प्रेम करते हैं और अगर हम पक्षी को अपने घर ले आते हैं तो बच्चे उसकी सेवा करते हैं उसे खाना देते हैं उसे नहलाते हैं और अपने लिए कुछ खाने के लिए लाएंगे तो पक्षी को जरूर देंगे तो दोस्तों आज का हमारा आर्टिकल यदि मैं चिड़िया होती तो इस बारे में जानिए।
यदि मैं चिड़िया होती तो खुले आकाश में सैर करती देश विदेशों के कोने कोने में जाकर घूमती.मेरे ही तरह के सारे पक्षियों से मिलती उन्हें देखती कहीं कहीं जाकर जंगलों मैं पेड़ पौधे देखती नए नए फल खाती और अपनी इच्छा अनुसार सोती बैठती उड़ती और अपने दोस्तों में मस्ती करती.मेरा जीवन स्वतंत्र और स्वच्छ होता मुझे कहीं घूमने जाने के लिए टिकेट लेने की जरूरत नहीं होती और पैसा कमाने की भी जरूरत नहीं होती और मुझे बस स्टैंड पर रेलवे स्टेशनों पर खड़ा होकर धक्के नहीं खाना पड़ता बस का ट्रेन का वेट नहीं करना पड़ता मैं अपनी इच्छा अनुसार कहीं भी जाकर अपना आनंद ले सकती।
यदि मैं चिड़िया होती तो लोगों के झगड़ों से बचती ना मुझे अपना पेट भरने के लिए पैसा कमाना पड़ता और ना अपने बच्चों के रखने के लिए अच्छा घर बनाना पड़ता मुझे तो सिर्फ कुछ घास के तिनके मिल जाते हैं उन तिनको से मैं अपने बच्चों का घर बना लेती और अपने बच्चों को उसी में खुश कर देती हूं अगर मैं चिड़िया होती तो अपने बच्चों को खाने के लिए कहीं से भी कुछ भी ले आती, मुझे अपने बच्चों के लिए लोगों के घर काम करने जाना पड़ता तब मैं पैसा कमाती और उस पैसे से अपने बच्चों के लिए खाना लाती।
अगर मैं चिड़िया होती तो मुझे कोई बीमारी हो जाती तो मैं अपनी आवाज से चिल्ला-चिल्लाकर सारे पक्षियों को एकत्र होकर मेरे सुर में सुर मिला कर इतना शोर मचा देते कि मेरा दुख दर्द सब अच्छा हो जाता यदि मैं चिड़िया होती तो बच्चे मेरे इस रंग-बिरंगे रूप को आकृति अपने वस्त्रों पर बनाते मेरी मिट्टी, प्लास्टिक आदि की मूर्तियां बनाते और अपने घरों में सजाते बच्चे मेरे इस दिखने वाले रूप के खिलौने से खेलते और मुझे बहुत खुशी होती वो खिलौने से खेलते बच्चा मेरे साथ खुश रहता तो मुझे बहुत ही आनंद मिलता।
यदि मैं चिड़िया होती तो पैडो पर बैठकर चिल्लाती और अपनी मधुर वाणी से हर किसी को मोहित कर देती एक इंसान सिर्फ चल सकता है दौड़ सकता है लेकिन वह उड़ नहीं सकता क्योंकि भगवान ने उसे उड़ने के लिए पंख नहीं दिए हैं पक्षी कहीं भी आ जा सकते हैं और अपने मित्रों से दोस्तों से और अपनी जाति के हर एक पक्षी से मिल सकते हैं तो उन्हें कितनी खुशी मिलती है जब उनका मन करता है तब वह इस देश से उस देश में चले जाते हैं और सारे पक्षियों से मिलकर फिर इधर उधर घूमते हुए आ जाते हैं।
मनुष्य को तो रात दिन पैसा कमाना होगा तब भी वो कहीं कहीं घूम नहीं पाते हैं और ना ही अपने रिश्तेदारों में जा पाते हैं अगर मैं चिड़िया होती तो अपनी मीठी आवाज से हर एक मनुष्य को मोहित करती और उनकी प्यारी चिड़िया बन जाती सब मुझे प्यार करते अगर मैं उनके घर में आ जाती तो होगा उनके बच्चे मुझे देखकर बहुत खुश होते और जब मैं अपनी मीठी आवाज निकालती तो सभी को खुश देखती उन्हें खुश देखकर मुझे कितनी खुशी होती।
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