निबंध
(250 शब्दों)
बाढ़ का आखों देखा वर्णन करेंगे
Answers
धारण कर हमें नष्ट-भ्रष्ट करने को तत्पर हो जाती है । सौम्य बहती नदी जब विकट रूप धर बाढ़ बन जाती है, तब इस प्राकृतिक के इस प्रकोप के सम्मुख समर्पण के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं रह जाता । ऐसी ही विवशतापूर्ण स्थिति का सामना मैनें पिछले वर्ष किया था ।
हर वर्ष भाँति पिछले वर्ष जब परीक्षा समाप्त होने पर मैं अपना दादा-दादी से मिलने गाँव गया, तब बरसात का मौसम शुरू हो चूका था । गंगा किनारे बसा हमारा गाँव छोटा-सा है । एक हज़ार कच्चे-पक्के घर हैं । अधिकांश लोग खेती-बाड़ी से जुड़े हैं । गंगा उनकी माँ है, जो उनके खेतों को सींचकर उनका पालन-पोषण करती है । पर उस वर्ष पता नहीं किया नाराज़गी हुई की मैया-चंडी बन गईं । पिछले दो दिन से लगातार वर्षा ने हम सबको घरों में कैद कर रख था । सुबह देखा तो घरों और पानी-ही-पानी है । पहले तो हमने सोचा शायद नलियाँ भर जाने के कारण एस हुआ होगा, किंतु जब पानी का बहाव तेज़ हो गया और पनि का स्तर लगातार बढ़ने लगा तो हम चिंतित में पर गए