निबंध :-
अपनी स्कूल की यात्रा
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Explanation:
कहते हैं, जीवन का सबसे महत्वपूर्ण भाग हमारा बचपन होता है। बचपन का हर पल खुल कर जीना चाहिए। न ही कोई जिम्मेदारी का बोझ होता है और न ही करियर की टेंशन। सिर्फ खुद से मतलब। ऐसा मस्त समय जीवन में दोबारा कभी नहीं आता। और इन सब मस्ती के पल का साक्षी होता है, हमारा विद्यालय।
मेरा स्कूल
मेरे विद्यालय का स्थान
मेरे विद्यालय का नाम बाल निकेतन है। यह शहर की भीड़-भाड़ से दूर, बेहद शांत माहौल में विद्यमान है। इसके चारों ओर हरियाली ही हरियाली है। जिस कारण वातावरण शुध्द रहता है और हमें शुध्द वायु भी मिलती रहती है। हम दोपहर के भोजन के समय, किनारे लगे पेड़ो की छांव में खेलते है।
मेरा विद्यालय मेरे घर से थोड़ी ही दूरी पर है। इसलिए मैं पैदल ही विद्यालय पहुंच जाती हूँ। मेरे विद्यालय का व्यास बहुत बड़ा है। इसके चारों तरफ सुंदर-सुंदर फूलों की क्यारियां लगी है। ठीक बगल में बड़ा सा खेल का मैदान भी है, जिसे क्रीड़ा मैदान कहते है।
उपसंहार
मेरा विद्यालय चूंकि सरकारी है, अतः यह सारी सुख-सुविधाओं से लैस है। हमारे विद्यालय का परिणाम (रिजल्ट) प्रति वर्ष शत-प्रतिशत आता है। मेरे विद्यालय की गणना शहर के अच्छे स्कूलों में की जाती है। मेरे विद्यालय में हर वर्ष वार्षिकोत्सव होता है, जिसमें कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम कराये जाते हैं जिसमें हर प्रतियोगिता में उत्तीर्ण बच्चों को पुरस्कृत किया जाता है। मुझे उस क्षण का बेसब्री से इंतजार रहता है, क्योंकि मैं हर साल अपनी कक्षा में प्रथम आती हूँ। और इस मौके पर बड़े-बड़े अधिकारी आते हैं और मेधावी बच्चों को अपने हाथों से ईनाम देते है।
वह पल बड़ा अविस्मरणीय होता है, जब हजारों बच्चों के बीच से आपका नाम बुलाया जाता है, और मंच पर जाते ही आप का तालियों की गड़गड़ाहट के साथ अभिनंदन किया जाता है। आप अचानक से ही आम से खास हो जाते है। हर कोई आपको पहचानने लगता है। बड़ा कमाल का अनुभव होता है, जिसे शब्दों में पिरो पाना मुमकिन नहीं। बहुत अच्छा लगता है कि मैं इस विद्यालय की छात्रा हूँ।