निबंध:-भारत में राजनीतिक अस्थिरता (200-300 शब्दों में)
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Explanation:
भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश है । यहाँ प्रत्येक पाँच वर्ष की अवधि के बाद लोकसभा और विधानसभा चुनाव होते हैं । इन चुनावों के माध्यम से जनता अपने प्रतिनिधि चुनती है, जो केन्द्र और राज्य स्तर पर सरकार का गठन करते हैं, चूँकि भारतीय लोकतन्त्र में बहुदलीय व्यवस्था का प्रावधान है, इसलिए कई बार किसी एक दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल पाता ।
इससे राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति उत्पन्न हो सकती है । अतः उक्त परिस्थिति में ‘गठबन्धन सरकार’ की स्थापना की जाती है । पिछले कुछ दशकों से भारतीय राजनीति में गठबन्धन सरकारों का वर्चस्व रहा है । इसे में गठबन्धन सरकार की विशेषताओं, उसकी सफलता और असफलताओं की सम्भावनाओं को जानना आवश्यक हो जाता है ।
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सामान्यतः ‘गठबन्धन’ उस प्रक्रिया को कहा जाता है, जब दो या दो से अधिक व्यक्ति अथवा दल किसी विशेष उद्देश्य की प्राप्ति हेतु अस्थायी रूप से अल्पकाल के लिए जुडते हैं । राजनीति के सन्दर्भ में गठबन्धन का आशय दो या दो से अधिक दलों का मेल है ।
‘ए डिक्शनरी ऑफ पॉलिटिकल थॉट’ में रोजर स्क्रटन ने राजनीति के सम्बन्ध में गठबन्धन को परिभाषित करते हुए लिखा है- ”विभिन्न दलों या राजनीतिक पहचान रखने वाले प्रमुख व्यक्तियों का आपसी समझौता गठबंधन कहलाता है ।”
गठबन्धन सरकार की सबसे बडी विशेषता यह होती है कि इसमें किसी एक पार्टी का वर्चस्व नहीं होता । यह समान विचारधारा, उद्देश्य, नीति, कार्यक्रम आदि रखने वाली पार्टियों का समूह होता है । गठबन्धन सरकार की सफलता अथवा असफलता उन सभी पार्टियों के पारस्परिक सहयोग एवं विचारधारा पर निर्भर करती है ।
साधारणतः गठबन्धन सरकार की आवश्यकता तब अनुभव होती है, जब किसी भी एक राजनीतिक दल को स्पष्ट तथा अनिवार्य जनादेश नहीं मिलता । ‘गठबन्धन’ सरकार की संकल्पना विश्व स्तर पर व्यापक रूप से दिखाई पड़ती है आज ब्रिटेन, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया बेलियम, कनाडा, डेनमार्क फिनलैण्ड, इण्डोनेशिया, आयरलैण्ड, इजराइल, जापान आदि सहित कई देशों में गठबन्धन सरकारों के गठन को मान्यता मिली हुई है ।