निबंध है मन की सहज और उन्मुक्त उड़ान है सत्य है या फिर
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निबंध है मन की सहज और उन्मुक्त उड़ान है सत्य है या फिर
सत्य निबंध है मन की सहज और उन्मुक्त उड़ान यह कथन बिल्कुल सत्य है। निबंध के माध्यम से निबंधकार अपने विचारों को कागज पर उकेरता है। निबंध में विचारों पर कोई बंधन नहीं होता और निबंधकार लेखक अपनी कल्पना के सारे भाव कलम के माध्यम से कागज पर उड़ेल देता है। चूँकि निबंध पर कोई बंधन नहीं होता, इसलिए यह एक उन्मुक्त उड़ान के समान होता है। निबंध विचारों का एक आंदोलन है, एक क्रांति है। इसमें लेखक अपनी कल्पना को शब्दों का रूप देता है, जिससे वह अपने विचारों का प्रवाह कर सके और लोग उसके विचारों से अवगत हो सकें।
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