निबंध लेखक भारत के महान वैज्ञानिक
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डॉ. कलाम का व्यक्तित्व बहुआयामी था। वह एक महान वैज्ञानिक एवं राष्ट्रनायक ही नहीं थे, बल्कि एक अच्छे कवि, लेखक एवं संगीत साधक भी थे।
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यकीनन डॉ. अब्दुल कलाम ने अपने इस कथन को अपने निजी जीवन में चरितार्थ कर दिखाया। सूर्य की तरह जलकर ही वह सूर्य की तरह चमके और इस देश को अपने व्यक्तित्व व कृतित्व से आलोकित कर अमर हो गए। साधारण पृष्ठभूमि में पले-बढ़े कलाम तमाम अभावों से दो-चार होने के बावजूद विपरीत परिस्थितियों से संघर्ष करते हुए न सिर्फ एक सफल और महान वैज्ञानिक बने, बल्कि देश के सर्वोच्च पद तक भी पहुंचे। वह जीवन की कठिनाइयों के सामने न तो कभी कमजोर पड़े और न ही इनसे घबराए।
डॉ. कलाम ने फर्श से अर्श तक का सफर तय किया। 15 अक्टूबर, 1931 को भारत के तमिलनाड प्रांत के रामेश्वरम में एक गरीब तमिल मुस्लिम परिवार में इस असाधारण प्रतिभा ने जन्म लिया। जन्म के समय शायद ही किसी ने सोचा हो कि यह नन्हा बालक आगे चलकर एक राष्ट्र निर्माता के रूप में भारत को बुलंदी पर ले जाएगा। कलाम के पिता जैनल आबिदीन पेशे से मछआरे थे तथा एक धर्मपरायण व्यक्ति थे।
उनकी माता आशियम्मा एक साधारण गृहिणी थीं तथा एक दयालु एवं धर्मपरायण महिला थीं। मां-बाप ने अपने इस सबसे छोटे बेटे का नाम अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम रखा। जीवन के अभाव कलाम के प्रारंभिक जीवन से ही जुड़े हुए थे। संयुक्त परिवार था और आय के स्रोत सीमित थे। कलाम के पिता मछुआरों को किराए पर नाव दिया करते थे। इससे जो आय होती थी, उसी से परिवार का भरण-पोषण होता था। विपन्नता के बावजूद माता-पिता ने कलाम को अच्छे संस्कार दिए। कलाम के जीवन पर उनके पिता का बहुत प्रभाव रहा। वे भले ही पढ़े-लिखे नहीं थे, किन्तु उनके दिए संस्कार कलाम के बहुत काम आए।
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उनका जीवन दर्शन कितना व्यावहारिक एवं उच्च था, इसका पता उनके इस कथन से चलता है –“इंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है, क्योंकि सफलता का आनंद उठाने के लिए ये जरूरी हैं।” सच्चे अर्थों में वह एक उच्च कोटि के राष्ट्रनायक थे।
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प्राचीन समय से लेकर आधुनिक काल तक भारत के वैज्ञानिक और उनकी खोज सारे विश्व को ज्ञान की राह दिखाते रहे हैं। चाहे शुन्य के आविष्कार की बात रही हो या फिर महत्वपूर्ण गणितीय और ज्योतिषीय विचारों की, भारत का नाम इन सभी के साथ उनके साथ सहज रूप से जुड़ा रहता है|
प्राचीन काल में चरक, सुश्रुत, आर्यभट, वराहमिहिर, ब्रह्मगुप्त, नागार्जुन एवं भास्कराचार्य जैसे विश्वविख्यात वैज्ञानिकों से लेकर आधुनिक युग में जगदीश चंद्र बोस, श्रीनिवास रामानुजन, चंद्रशेखर वेंकट रामन, मेघनाद साहा, सत्येन्द्र नाथ बसु जैसे महान वैज्ञानिक पैदा हुए जिन्होंने तमाम असुविधाओं से लड़कर नए-नए खोज कर सारी दुनिया में भारत का झण्डा लहराया।
इस भाग में हम आपका परिचय भारत के महान वैज्ञानिकों से करवा रहे हैं| यहाँ हम उनके जीवन, खोजों और विचारों को जानेंगे। यहाँ पर भारत के उन सभी महत्वपूर्ण वैज्ञानिकों और उनके शोध/आविष्कारों आदि को समाहित किया गया है, जिसके द्वारा उन्होंने देश-दुनिया में भारत का नाम रौशन किया है।

पी॰ सी॰ महालनोबिस
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