निबंध लेखन
आँखो देखी किसी दरघटना का विवरण ।
Answers
Answered by
2
"बाय डैडी.... अरे ये क्या हुआ आपको! अरे
नहीं .. प्लीज ।" पिता की आँखों में आंसू थे ।
ट्रेन अपनी रफ्तार पकडती जा रही थी और
पिता रुमाल से आंसू पोंछते हुए स्टेशन से बाहर
जा रहे थे ।
लड़की ने फोन लगाया.. "हेलो मम्मी.. ये क्या है
यार! जैसे ही ट्रेन स्टार्ट हुई डैडी तो रोने लग
गये.. अब मैं नेक्स्ट टाइम कभी भी उनको सी-
ऑफ के लिए नहीं कहूँगी.. भले अकेली आ
जाउंगी ऑटो से.. अच्छा बाय.. पहुँचते ही कॉल
करुँगी.. डैडी का खयाल रखना ओके ।"
मैं कुछ देर तक लड़की को सिर्फ इस आशा से
देखता रहा कि पारदर्शी चश्मे से झांकती उन
आँखों से मुझे अश्रुधारा दिख जाए पर मुझे
निराशा ही हाथ लगी.. उन आँखों में
नमी भी ना थी ।
कुछ देर बाद लड़की ने फिर किसी को फोन
लगाया-
"हेलो जानू कैसे हो.... मैं ट्रेन में बैठ गई हूँ..
हाँ अभी चली है यहाँ से.. कल अर्ली-मोर्निंग
पूना पहुँच जाउंगी.. लेने आ जाना.. लवयू टू यार,
मैंने भी बहुत मिस किया तुम्हे.. बस कुछ घंटे और
सब्र कर लोकल तो पहुँच ही जाऊँगी ।"
.
.
.
नहीं .. प्लीज ।" पिता की आँखों में आंसू थे ।
ट्रेन अपनी रफ्तार पकडती जा रही थी और
पिता रुमाल से आंसू पोंछते हुए स्टेशन से बाहर
जा रहे थे ।
लड़की ने फोन लगाया.. "हेलो मम्मी.. ये क्या है
यार! जैसे ही ट्रेन स्टार्ट हुई डैडी तो रोने लग
गये.. अब मैं नेक्स्ट टाइम कभी भी उनको सी-
ऑफ के लिए नहीं कहूँगी.. भले अकेली आ
जाउंगी ऑटो से.. अच्छा बाय.. पहुँचते ही कॉल
करुँगी.. डैडी का खयाल रखना ओके ।"
मैं कुछ देर तक लड़की को सिर्फ इस आशा से
देखता रहा कि पारदर्शी चश्मे से झांकती उन
आँखों से मुझे अश्रुधारा दिख जाए पर मुझे
निराशा ही हाथ लगी.. उन आँखों में
नमी भी ना थी ।
कुछ देर बाद लड़की ने फिर किसी को फोन
लगाया-
"हेलो जानू कैसे हो.... मैं ट्रेन में बैठ गई हूँ..
हाँ अभी चली है यहाँ से.. कल अर्ली-मोर्निंग
पूना पहुँच जाउंगी.. लेने आ जाना.. लवयू टू यार,
मैंने भी बहुत मिस किया तुम्हे.. बस कुछ घंटे और
सब्र कर लोकल तो पहुँच ही जाऊँगी ।"
.
.
.
babulsingh0000:
thanks
Similar questions