निबंध लेखन गांधी जी का बहिष्कार - - सत्याग्रह आन्दोलन. please write in Hindi..
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Explanation:
सत्याग्रह यानि सत्य के लिए आग्रह करना. और सत्याग्रह आंदोलन का मतलब है सभी प्रकार के त्याग और कष्टों को झेलते हुए अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ना. सत्याग्रह वह विरोध है जो बिना किसी से घृणा करे या बिना किसी से प्रतिशोध लिए किया जाता है. अर्थात इसमें सामने वाले को चोट पहुंचाएं बिना उसके मन में न्याय की भावना जागृत करना, और उनका दिल जीतना, यही सत्याग्रह का मूल उद्देश्य होता है. और ऐसे सत्याग्रह करने वालों को सत्याग्रही कहा जाता है. गांधी के अनुसार यह सत्य और अहिंसा से पैदा हुआ एक नैतिक बल है. उनका कहना था कि सत्य, अहिंसा और प्रेम के बल से कोई भी लड़ाई जीती जा सकती हैं. इस सत्याग्रह के माध्यम से गांधी जी ने लोगों के साथ मिलकर ब्रिटिश राज के खिलाफ कई आंदोलन किये. और इसमें उनकी अहिंसात्मक विचारधारा ही उनकी असली ताकत बनी.सत्याग्रह का विचार पहली बार गांधी जी को दक्षिण अफ्रीका में उनके साथ हुई एक घटना के दौरान आया था. दरअसल जब वे बैरिस्टर बनने के लिए दक्षिण अफ्रीका गए, वहां के डरबन से प्रेटोरिया के लिए उन्होंने यात्रा की. उनके पास फर्स्ट क्लास का टिकिट था. और वे उसी जगह जा कर बैठ गए. किन्तु उस कम्पार्टमेंट में और लोगों को यह पसंद नहीं आया कि काले वर्ण वाला कोई व्यक्ति उनके साथ बैठे. उन्होंने पुलिस कांस्टेबल को कहा कि वे उन्हें थर्ड क्लास के डिब्बे में भेज दें, तब उस पुलिस कांस्टेबल ने गांधी जो को थर्ड क्लास के डिब्बे में जाने को कहा, किन्तु इस पर गांधी जी का कहना था कि उनके पास फर्स्ट क्लास का टिकिट हैं तो वे वहां नहीं जाएंगे. इस तरह से गाँधी जी के माना करने पर उस पुलिस कांस्टेबल ने उन्हें ट्रेन से नीचे उतार दिया. इसी तरह की घटना उनके साथ चार्लेस्टोन से जोहान्सबर्ग की यात्रा के दौरान एक स्टेजकोच में भी हुई थी. उन्होंने कोच में अंदर बैठने के लिए टिकट खरीदा था, तब उसमें सवार एक व्यक्ति ने उन्हें उनकी सीट से उठने के लिए कहा. जब वे मना करने लगे तो उन्हें इसके लिए पीटा गया. इससे वे बहुत दुखी हुए. उनके दिमाग में केवल एक ही बात चल रही थी कि भारतीयों को इस तरह के अन्याय से बचाना है