निबंध लेखन :- (पेड़- पौधे और हम)
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पृथ्वी को बचाये रखने के लिए पेड़ पौधों का होना अत्यंत आवश्यक है। हम पेड़ पौधों के बिना जीवित नहीं रह सकते है। पेड़-पौधों से हमें अनगिनत और बहुमूल्य चीजें प्राप्त होती है। हमारी कई ज़रूरतों को पेड़ पौधे पूरा करते है। सर्वप्रथम हमे जीने के लिए ऑक्सीजन की ज़रूरत है। ऑक्सीजन के बिना हमारा और अन्य जीव जंतुओं का जीवित रहना असंभव है। पौधे और पेड़ प्रकाश संश्लेषण •यानी फोटोसिंथेसिस द्वारा ऑक्सीजन का निर्माण करते है। वातावरण में ऑक्सीजन सिर्फ पेड़ पौधों की वजह से मौजूद है।
पौधे कार्बन डाइऑक्साइड, पानी और सूरज की किरणों का उपयोग करके ऑक्सीजन तैयार करती है। वातावरण में मौजूद प्रदूषित गैस और कार्बन डाइऑक्साइड को पेड़ पौधे सोख लेते है। ऐसे ही पर्यावरण और प्रकृति का चक्र चलता है। हम जो कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते है। उसी का उपयोग करके पेड़ पौधे ऑक्सीजन का निर्माण करते हैं और अपने लिए खाना भी खुद तैयार कर लेते है। अगर पेड़ नहीं होंगे तो वर्षा नहीं होगी पेड़ पौधे वातावरण में आद्रता पैदा करते हैं। पेड़ पौधों की वजह से पृथ्वी पर वर्षा होती है। पेड़ पौधों को बचाये रखना हमारा परम् कर्त्तव्य है। पेड़ पौधे भूमि कटाव को रोकने में सहायता करते है।
पेड़ पौधे बाढ़ जैसे हालत को रोकने में मदद करते है। जब बाढ़ आती है तो पेड़ों की जड़े मिटटी को रोकती है। पेड़ हमे छाया, फल और लकड़ी प्रदान करती है। पेड़ो से हमे औषधि प्राप्त होते है। वन सम्पदा हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। वनों का संरक्षण भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। पेड़ो पर चिड़िया अपना घोसला बनाते है। अगर पेड़ नहीं होंगे तो पशु पक्षी की जिन्दगी कठिन हो जायेगी। पक्षियों को रहने के लिए उनका घर नहीं मिलेगा। मनुष्य इतना स्वार्थी हो गया है कि निरंतर पेड़ो को काटकर खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहा है।
पेड़ और चारो ओर छायी हरियाली मन को सुकून पहुंचाती है। पेड़ की ठंडी छाया के नीचे मुसाफिर बैठते है और आराम करते है। पुराने समय में आदिमानव पेड़ से तोड़कर फल और पत्तियां खाता था। अपना तन ढकने के लिए वह पेड़ो की पत्तियों का इस्तेमाल करता था। वह अपने शरीर को गर्मी और सर्दी में बचाता था। वह जानवरों से बचने के लिए पेड़ो पर चढ़ जाता था और आश्रय लेता था। पेड़ो का महत्व मनुष्य आदिकाल से जानता है।
जंगलो से हमे अनगिनत वस्तुएं प्राप्त होती है। उन्ही पेड़ों को लगातार काटने की वजह से प्रलय जैसे हालत हो गए है। आये दिन तूफान, बाढ़ और भूकंप जैसे प्राकृतिक आपदाएं दस्तक दे रही है। वक्त है गया है कि हम संरक्षण की ओर ध्यान दे। जितने वृक्ष काटे जा रहे है, उससे अधिक वृक्ष लगाए। मनुष्य ने जैसे जैसे उन्नति की, उसकी ज़रूरतें बढ़ गयी। लकड़ियों का इस्तेमाल फर्नीचर इत्यादि बनाने में इस्तेमाल होने लगा। जंगलों को काटकर बड़े बड़े इमारतें मनुष्यों ने बनाये है।
जैसे जैसे जनसंख्या बढ़ी हर चीज़ की मांग बढ़ी मनुष्यो ने पेड़ो को काट र कल कारखाने, दफ्तर, विद्यालय, घर इत्यादि बनाये लेकिन वह यह भूल गए कि जहां उन्होंने एक पेड़ काटे, उन्हें कई पेड़ लगाने चाहिए थे। साल में एक बार वन महोत्सव मनाया जाता है जहां लाखो पेड़ लगाए जाते है। • लेकिन उनकी ठीक से देखभाल नहीं हो पाती है। प्रदूषण अधिक बढ़ रहा है। वृक्षारोपण करना बहुत ज़रूरी हो गया है। अगर वृक्ष होंगे तो निश्चित तौर पर प्रदूषण कम होगा। अगर मनुष्यों ने पेड़ो के महत्व को अब भी नहीं समझा तो ऐसा प्रलय आएगा कि सब कुछ समाप्त हो जाएगा।