Hindi, asked by srijachakrabortty1, 11 months ago

निबंध - मेरी यात्रा वर्णन

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Answered by sakshibartwal1234
14
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abhishekpokhariya37: hello
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Anonymous: aacha
abhishekpokhariya37: haa yar
manoj9651: ok
Answered by bhatiamona
6

                        किसी पर्वतीय स्थल मेरी यात्रा वर्णन

हाल ही में  मैं अपने चार  दोस्तों के साथ  रोहतांग दर्रा  की पैदल यात्रा  पर गए |  अगस्त  का महीना था और रास्ते में ही  बारिश  शुरू हो  गई | हम सब  बुरी तरह  भीग गए | किसी तरह से एक  छोटी सी गुफा तक पहुंचे |  कठिनाई से किसी तरह रात गुजारी | दो दोस्तों ने वहीं हिम्मत हार दी व वापसी का सामान बांध लिया|  बचे हुए हम तीनों में  भी  एक का मन असमंजस में था | सब में एक बहस छिड़ गई कि आगे जाएँ  या ना जाएँ  |

मैंने सबको बहुत समझाया पर कोई निर्णय नहीं निकला अत: मैंने एक रूपये का सिक्का निकला और टॉस के लिए पूछा | हेड तो जाना है टेल तो नहीं जाना |  सब  मान गए और सिक्का हवा में उछाला | हेड आया और सब चलने को तैयार हो गए | लम्बी सांस ली और बिना पीछे देखे चल पड़े सब ने एक दूसरे का साहस बंधाया | रोहतांग की चोटी बिल्कुल पास से देखते ही सांस में सांस आ गई | भर्फ़ से भरा सारा रास्ता और ऊँची - ऊँची भर्फ़ ढकी पहाडीयों को देख जनत देख लिया हो | सब ने मिलकर बहुत मजे किये | रात खुले आसमान में गुजारी और अगले दिन घर वापिस आ गए |  

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