निबंध महात्मा गांधी long
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महात्मा गाँधी जी एक सच्चे भारतवासी होने के साथ-साथ एक महान और उत्कृष्ट व्यक्तित्व वाले व्यक्ति थे जिन्हें आज के समय में भी देश और विदेशों के लोगों को अपनी महानता, आदर्शवाद और महान जीवन की वजह से प्रेरित करते हैं।
महात्मा गाँधी जी का जन्म 2 अक्तूबर, 1869 को गुजरात के काठियावाड़ में स्थित पोरबंदर स्थान पर हुआ था। महात्मा गाँधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी है जो उनके पिता जी के नाम पर रखा गया था क्योंकि गाँधी जी के पिता का नाम करमचंद गाँधी था और माता का नाम पुतलीबाई गाँधी था। गाँधी जी अपने पिता की चौथी और आखिरी संतान थे।
गाँधी जी ने ब्रिटिश शासन से भारत को आजाद कराने के लिए अविस्मरणीय भूमिका निभाई थी। गाँधी जी ने अपनी विश्वविद्यालय की शिक्षा इंग्लैड से की थी जहाँ से वे एक वकील बनकर लौटे थे जिसके बाद उन्होंने ब्रिटिश शासन द्वारा समस्याओं का सामना करने वाले भारतियों की मदद करने लगे थे।
गाँधी जी ने भारतीय लोगों की मदद करने के लिए सत्याग्रह नामक आंदोलन का शुभारंभ किया। भारत को स्वतंत्र कराने के लिए गाँधी जी ने बहुत से अन्य आंदोलन भी चलाए थे जिनके बाद भारत को अंत में 15 अगस्त, 1947 को आजादी मिली थी लेकिन इसके एक साल बाद 30 अक्तूबर, 1948 को दिल्ली में गाँधी जी की मृत्यु हो गई थी।
महात्मा गांधी पर निबंध
महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर सन् 1867 को, पश्चिम भारत (वर्तमान गुजरात) के एक तटीय शहर में हुआ। इनके पिता का नाम करमचंद गाँधी तथा माता का नाम पुतलीबाई था। महात्मा गाँधी के पिता कठियावाड़ के छोटे से रियासत (पोरबंदर) के दिवान थे। आस्था में लीन माता और उस क्षेत्र के जैन धर्म के परंपराओं के कारण गाँधी जी के जीवन पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा। जैसे की आत्मा की शुद्धि के लिए उपवास करना आदि। 13 वर्ष की आयु में गाँधी जी का विवाह कस्तूरबा से करवां दिया गया था।
गाँधी जी का बचपन में पढ़ाई में मन नहीं लगता था पर बचपन से ही उन्हें उचित अनुचित में फर्क पता था। इनकी प्रारंभिक शिक्षा पोरबंदर से संपंन हुई, हाईस्कूल की परिक्षा इन्होंने राजकोट से दिया। और मैट्रीक के लिए इन्हें अहमदाबाद भेज दिया गया। बाद में वकालत इन्होंने लंदन से संपन्न किया।
उद्देश्यपूर्ण विचारधारा से ओतप्रोत महात्मा गाँधी का व्यक्तित्व आदर्शवाद की दृष्टि से श्रेष्ठ था। इस युग के युग पुरुष की उपाधि से सम्मानित महात्मा गाँधी को समाज सुधारक के रूप में जाना जाता है पर महात्मा गाँधी के अनुसार समाजिक उत्थान हेतु समाज में शिक्षा का योगदान आवश्यक है। 2 अक्टुबर 1869 को महात्मा गाँधी का जन्म गुजरात के पोरबंदर में हुआ। यह जन्म से सामान्य थे पर अपने कर्मों से महान बने। रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा इन्हें एक पत्र में “महात्मा” गाँधी कह कर संबोधित किया गया। तब से संसार इन्हें मिस्टर गाँधी के स्थान पर महात्मा गाँधी कहने लगा।
अहिंसा परमो धर्मः” के सिद्धांत को नींव बना कर, विभिन्न आंदोलनों के माध्यम से महात्मा गाँधी ने देश को गुलामी के जंजीर से आजाद कराया। वह अच्छे राजनीतिज्ञ के साथ बहुत अच्छे वक्ता भी थे। उनके द्वारा बोले गए वचनों को आज भी लोगों द्वारा दोहराया जाता है।
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