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भारतीय sanghalay
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भारतीय संग्रहालय एशिया के सबसे बड़े और सबसे पुराने विश्वकोश संग्रहालयों में से एक है। यह मूलतः 1784 में सर विलियम जोन्स द्वारा स्थापित एशियाटिक सोसाइटी से संबंधित है, जो बाद में "इंपीरियल म्यूजियम" नामक एक अलग इकाई के रूप में विकसित हुआ, कुछ और बाद में इसे "इंडियन म्यूजियम, कलकत्ता" के रूप पहचान मिली, जिसकी स्थापना नाथनियल वालिच नाम के एक डेनिश वनस्पतिशास्त्री के नेतृत्व में वर्ष 1814 में हुई थी। वर्तमान में यह भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय महत्व का संग्रहालय है। प्रारंभ में यह संग्रहालय "यहाँ आए सभी लेखों की पूर्वी परंपरा के अनुसार व्याख्या” के उद्देश्य के लिए स्थापित किया गया। आज यह एक आधुनिक संग्रहालय बनकर उभरा है जिसके दायरे में स्वदेशी और अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनों का एक विशाल भंडार है, जो कला, पुरातत्व, नृविज्ञान, प्राणी विज्ञान, भूविज्ञान और वनस्पति विज्ञान जैसे छह खंडों में फैला हुआ है। इन खंडों के अलावा संग्रहालयों, पुस्तकालय, प्रकाशन, मॉडलिंग, प्रस्तुति, फोटोग्राफी, संरक्षण इकाई की सहायता के लिए अन्य इकाइयाँ भी हैं।
दुनिया भर में संग्रहालय की अवधारणा में एक बदलाव आया है और भारतीय संग्रहालय इसके अपवाद नहीं हैं। अब भारतीय संग्रहालय अपनी संस्था को समुदायों के एक अभिन्न अंग के रूप में पुन: स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे संग्रहालय को मौलिक रूप से अपनी अवधारणा को बदलने और संग्रहालय का स्थान सुनिश्चित करने के लिए अधिक से अधिक सार्वजनिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए संग्रहालय को अधिक से अधिक समावेशी बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। संग्रहालय में प्रदर्शित होने वाली कलाकृतियों और कार्यक्रमों के बीच एक सहजीवी संबंध रहा है जो लोगों को उनकी संस्कृति से जोड़ता है। संग्रहालय में रखी गयी कलाकृतियों में से प्रत्येक में भारत और पूर्वी दुनिया का इतिहास और संस्कृति समाहित है।
भारतीय संग्रहालय एक ऐसा संस्थान है जो जहाँ एक ओर आपको अपने मित्रों, पड़ोसियों से मिलने, उनके विचार जानने और उनसे चर्चा करने के अवसर प्रदान करता है वहीं समाज के सक्रीय सदस्य के रूप में आपको अंतरराष्ट्रीय संग्रहालयों में प्रवेश के भी अवसर प्रदान करता है। भारतीय संग्रहालय ने अपनी रूचि और पसंद के अनुसार आगंतुकों की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पहल की है। अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए संग्रहालय विभिन्न डिजिटल उपकरणों और सॉफ्टवेयर के उपयोग द्वारा यहाँ संपन्न होने वाले कार्यक्रमों को अधिक मनोरंजक और ज्ञानवर्धन बनाने का उपक्रम किया जा रहा है, जिससे अधिक से अधिक लोग उनसे जुड़ सकें। भारतीय संग्रहालय कला, पुरातत्व और नृविज्ञान के क्षत्रों में नए वैज्ञानिक अनुसंधान कर इन विषयों से संबंधित स्थायी और अस्थायी प्रदर्शनियों का आयोजन समय समय पर करता रहता है। संग्रहालय में संरक्षित कलाकृतियों और संगोष्ठियों से जुड़े कार्यक्रमों और आयोजनों को विश्व भर के लोगों तक पहुँचाने के लिए उन्हें डिजिटल संस्करण में प्रलेखित किया गया है।