निबंध निखे 150
शब्दी में विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का
महत्व
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Explanation:
आइए सबसे पहले सुबह में खिली हुई धूप और हमारे स्कूल की सुंदरता का आनंद ले और हमें यह बहुमूल्य उपहार देने के लिए सर्वशक्तिमान के प्रति आभार व्यक्त करें।
आज मैं - कक्षा-X का छात्र शिखवंत शर्मा अनुशासन पर भाषण देने के लिए आपके सामने मंच पर खड़ा हूँ। मुझे आप सभी के साथ यह तथ्य साझा करते हुए जरा भी प्रसन्नता नहीं हो रही है कि हमारे शिक्षक और प्रबंध समिति हमारे स्कूल में बढ़ती अनुशासनहीनता से बहुत ज्यादा परेशान हैं। एक समय था जब हमारे स्कूल को पूरे क्षेत्र में सभी वर्गों में अनुशासन बनाए रखने के लिए सर्वश्रेष्ठ स्कूल से सम्मानित किया गया था और अब दुर्भाग्यवश यह समय आ गया है कि हमारा स्कूल धीरे-धीरे अपने विशिष्ट गुणों की वजह से बुरी पहचान बना रहा है।
कुछ छात्रों को अक्सर स्कूल में देर से आते हुए देखा जा सकता है जिसके कारण अन्य छात्रों की भी इसके कारण बुरी छवि बन रही है। इतना ही नहीं छात्रों ने कक्षाएं बंकींग करनी भी शुरू कर दी हैं जिसके कारण छात्र परीक्षाओं की ओर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं और अपने परीक्षणों में भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। यही कारण है कि मैंने अनुशासन पर भाषण देने के लिए पहल की और मेरे कनिष्ठ और साथ-साथ छात्रों को हमारे जीवन में अनुशासन के महत्व का एहसास करने पर जोर दिया क्योंकि प्रबंधन समिति छात्रों के लिए सख्त नियम लागू नहीं करना चाहती है। वे उन छात्रों के लिए पर्यावरण अनुकूल और मददगार बनाने में विश्वास करते हैं जहां वे स्वाभाविक रूप से छात्रों को सीखने और विकास की संभावनाओं के प्रति प्रेरित कर सकें।
तो मैं आपको मित्रों यह बताना चाहूंगा कि ये हमारे सभी शिक्षाविदों की अच्छी नींव रखने के लिए सबसे बहुमूल्य समय है। दूसरा यह मजबूत नींव केवल अनुशासित जीवन शैली को अपनाने से ही निर्धारित की जा सकती है और यह अनुशासन हमारे विद्यालय से ही शुरू होता है। शैक्षिक अनुशासन में क्रमशः मानव शरीर और मस्तिष्क की शारीरिक और मानसिक कंडीशनिंग की प्रक्रिया शामिल है।
हम सभी को यह जानना चाहिए कि अनुशासन हमारे उद्देश्यों और उपलब्धियों के बीच पुल के रूप में कार्य करता है। अनुशासन का उद्देश्य एक निजी राष्ट्र के निर्माण के लिए व्यक्तिगत लक्ष्यों को हासिल करने के लिए या समाज द्वारा बनाए गए नियमों और कायदा कानूनों का पालन करने के लिए तैयार करने का प्रावधान है। ज्यादातर समय अनुशासन को दूसरों के द्वारा पालन करने की सलाह देने की बजाए स्वयं पालन करना चाहिए क्योंकि ऐसी स्थिति में यह दूसरे व्यक्ति का जीवित रहना मुश्किल कर सकती है। हालांकि हमें यह समझना चाहिए अनुशासन हमारी अपनी भलाई और प्रगति के लिए है। यह महत्वपूर्ण है कि हर व्यक्ति अनुशासन का पालन करें, चाहे वह गृहिणी हो, पेशेवर, व्यापारिक व्यक्ति, कलाकार या किसी विषय पर काम कर रहा कोई छात्र हो।
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Essay in 400 words
अनुशासन का विद्यार्थी जीवन में बहुत ही ज्यादा महत्व है क्योंकि यह समय वह होता है जहाँ हम जो कुछ सीखते है वह हमारे जीवन भर काम आता है। अनुशासन के अंदर बड़ों का इज़्ज़त करना, समय का सही उपयोग, नियमों का पालन,अच्छे संस्कार का अनुसरण आदि आता है। जो विद्यार्थी अनुशासन हीन होता है उसके जीवन में असफलता आना पका है क्योंकि वो अपना जीवन नियम के अनुसार नही बल्कि भावना के अनुसार चलाएगा और भावना हमेशा धोखा देती है और इसके विपरीत जो विद्यार्थी नियम का पक्का होता है वे अपने उज्वल भविष्य को अपने आने वाले जीवन में ला सकता है।
अगर कोई विद्यार्थी अनुशासनहीन होगा तो न कोई उसे पसंद करेगा और साथ ही साथ वो बुरी आदत का शिकार हो जायेगा जैसे कि छूट बोलना,टीचर की बात न मानना, माता पिता का आदर न करना, बुरी संगत में रहना ऐसे बुरे आदत में फसकर अपने जीवन को बर्बाद कर लेता है इसलिए विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व बहुत है।जो अनुशासित विद्यार्थी होते है वे जानते है कि उन्हें कौन सा काम सबसे पहले करना है और वह अपने प्रति बहुत ईमानदार है ऐशे ही अन्य विद्यार्थी को भी पता रहना चाहिए कि कौन सा काम उन्हें सबसे पहले करना है और कौन सा बाद में।