निबंध
परिश्रम और अभ्यास _ सफलता की कुंजी
* भूमिका* परिश्रम का महत्व * परिश्रम अनुकरण उदहारण * अभ्यास से सफलता * उपसंहार
Answers
Answer:
परिश्रम के अभाव में जीवन की गाड़ी नहीं चल ही सकती। यहां तक कि स्वयं का उठना-बैठना, खाना-पीना भी संभव नहीं हो सकता फिर उन्नति और विकास की कल्पना भी नहीं की जा सकती। आज संसार में जो राष्ट्र सर्वाधिक उन्नत हैं, वे परिश्रम के बल पर ही इस उन्नत दशा को प्राप्त हुए हैं। जिस देश के लोग परिश्रमहीन एवं साहसहीन होंगे, वह प्रगति नहीं कर सकता। परिश्रमी मिट्टी से सोना बना लेते हैं।
आलस्य जीवन का अभिशाप– परिश्रम का अभिप्राय ऐसे परिश्रम से है जिससे निर्माण हो, रचना हो, जिस परिश्रम से निर्माण नहीं होता, उसका कुछ अर्थ नहीं। जो व्यक्ति आलस्य का जीवन बिताते हैं, वे कभी उन्नति नहीं कर सकते। आलस्य जीवन को अभिशापमय बना देता है। हमारा देश सदियों तक पराधीन रहा। इसका आधारभूत कारण भारतीय जीवन में व्याप्त आलस्य एवं हीन भावना थी।
कलाओं का निर्माण-यदि छात्र परिश्रम न करें तो परीक्षा में कैसे सफल हों। मजदूर भी मेहनत का पसीना बहाकर सड़कों, भवनों, बांधों, मशीनों तथा संसार के लिए उपयोगी वस्तुओं का निर्माण करते हैं। मूर्तिकार, चित्रकार अद्भुत कलाओं का निर्माण करते हैं। कवि और लेखक सब परिश्रम द्वारा ही अपनी रचनाओं से संसार को लाभ पहुँचाते हैं। कालिदास, तुलसीदास, टैगोर, शैक्सपीयर आदि परिश्रम के बल पर ही अमर हो गए हैं। परिश्रम के बल पर ही वे अपनी रचनाओं के रूप में अमर हैं।
भाग्यवाद- कुछ लोग श्रम की अपेक्षा भाग्य को महत्व देते हैं। उनका कहना है कि भाग्य में जो है वह अवश्व मिलेगा, अत: दौड़-धूप करना व्यर्थ है। यह तर्क निराधार है। यह ठीक है कि भाग्य का भी हमारे जीवन में महत्व है, लेकिन आलसी बनकर बैठे रहना और असफलता के लिए भाग्य को कोसना किसी प्रकार भी उचित नहीं। परिश्रम के बल पर मनुष्य भाग्य की रेखाओं को भी बदल सकता है।
समस्याओं का समाधान– आज हमारे देश में अनेक समस्याएँ हैं। उन सबसे समाधान का साधन परिश्रम है परिश्रम के द्वारा ही बेकारी की, खाद्य की और अर्थ की समस्या का अंत किया जा सकता है।
उपसंहार– परिश्रमी व्यक्ति स्वावलंबी, ईमानदार, सत्यवादी, चरित्रवान् और सेवा भाव से युक्त होता है। परिश्रम करने वाले व्यक्ति का स्वास्थ्य भी ठीक रहता है। परिश्रम के द्वारा ही मनुष्य अपनी, परिवार की, जाति की तथा राष्ट्र की उन्नति में सहयोग दे सकता है। अत: मनुष्य को परिश्रम करने की प्रवृत्ति विद्यार्थी जीवन में ग्रहण करनी चाहिए।
Explanation:
Hope it helps you
परिश्रम कहानी:
परिश्रम जीवन में बहुत ही जरूरी है बिना परीक्षण के आपको कुछ भी नहीं मिलेगा परिश्रम करेंगे तभी आपको मिलेगा कुछ और यह बहुत ही जरूरी है स्वास्थ्य के लिए भी लेकिन कुछ लोग सिर्फ किस्मत और भाग्य पर निर्भर रहते हैं और सोचते हैं कि जो भाग्य में लिखा है वही मिलेगा लेकिन यह गलत है अगर आप मेहनत करेंगे तो आप अपना भाग्य भी बदल सकते भाग में लिखा हुआ बदल सकते हैं I
उदाहरण की एक कहानी:
एक गांव में एक गरीब परिवार रहता था जिसमें पति-पत्नी और एक बच्चा रहता था, उस बच्चे का नाम गोलू था I वह 1 दिन परेशान होकर अपने पिता से पूछा कि पिताजी हम लोग इतने गरीब क्यों है तो पिताजी बोलता है सब भाग्य में लिखा था तो फिर वह अपनी मां से पूछा मां के भाग्य का होता है तो उसकी मां गुस्सा में बोलती है मुझे क्या पता I सोनी रासो के अगले दिन एक मंदिर में गया और एक पंडित से मिला तो वह पंडित बोला कि तुम अगले हफ्ते अपने पिता के साथ मेरे पास आना तो वह अगले हफ्ते अपने पिता की रात मंदिर पहुंचा और पंडित ने उसके पिता के बोला कि यह बच्चा का भाग्य बहुत अच्छा है बस थोड़ी सी परीक्षण कर लो तो भाग्य चमक जाएगा तुम्हारा सब के पिताजी बोले क्या करना पड़ेगा मुझे पंडित जी पंडित जी बोले कि तुम रोजा के कुएं के पास खेती करो और देखना तुम्हारा भाग्य चमक जाएगा तो जैसा पंडित ने कहा खेती करने वह रोज पर खेती करता हर एक दिन की खेती करते करते एक घड़ा मिला सोने से भरा घर आकर बोला कि मुझे देखो क्या मेरा और वह पंडित जी हमें भाग्य के भरोसे नहीं बैठना चाहिए अगर कोई परिश्रम करेंगे तुम्हारा भाग्य बदल सकता है और बोला कि साधारण नहीं है यह जादुई घड़ा है इसमें सोना खत्म भी हो जाएगा तो अपने आप फिर से आ जाएगा कभी खत्म नहीं होगा यह सोना I और ऐसे ही समझाते हो पंडित जी ने समझाया कि कभी भी भाग्य के भरोसे नहीं बैठो अगर आप परिश्रम करते हो तो भाग्य बदल सकते हो I
हमें इस कहानी से क्या शिक्षा मिलती है:
हमें कहानी चाहिए शिक्षा मिलती है कि अगर आप परिश्रम करते हो तो आप जीवन में कुछ भी हासिल कर सकते हो आपके लिए कुछ भी मुश्किल नहीं है बस आप थोड़ी मेहनत करो थोड़ी परिश्रम कर लो आप देखना आपका भाग्य चमक जाएगा I
जैसे भारत के सैनिक करते हैं भारत के सैनिक अपने भारत को बचाने के लिए अपनी जान से खेलते हैं I और 14 फरवरी को बहुत से सैनिक अपनी जान दे दिए थे भारत के लिए इसलिए भारत में 14 फरवरी को "Black day" के नाम से जाना जाता है और सैनिकों को याद किया जाता है जो अपनी जान कुर्बान लगा देते हैं सिर्फ भारत के लिए I हमें भी कुछ परिश्रम करनी चाहिए उन सैनिकों के तरह वह सैनिक को हमारे लिए जान देते हैं तो हम थोड़ी सी मेहनत क्यों नहीं कर सकते हैं I
जय हिंद जय भारत