निबंध से
1. वीर कुंवर सिंह के व्यक्तित्व की कौन-कौन सी विशेषताओं ने आपको
प्रभावित किया?
2. कुँवर सिंह को बचपन में किन कामों में मज़ा आता था? क्या उन्हें उन कामों
से स्वतंत्रता सेनानी बनने में कुछ मदद मिली?
3. सांप्रदायिक सद्भाव में कुँवर सिंह की गहरी आस्था थी-पाठ के आधार पर
कथन की पुष्टि कीजिए।
4. पाठ के किन प्रसंगों से आपको पता चलता है कि कुँवर सिंह साहसी, उदार
एवं स्वाभिमानी व्यक्ति थे?
5. आमतौर पर मेले मनोरंजन, खरीद फरोख्त एवं मेलजोल के लिए होते हैं।
वीर कुंवर सिंह ने मेले का उपयोग किस रूप में किया?
Answers
Explanation:
1)वीर कुंवर सिंह के व्यक्तित्व की निम्नलिखित विशेषताओं ने हमें प्रभावित किया है:
--वीर कुंवर सिंह एक कुशल और दृढ़ निश्चयी योद्धा थे।
--वे अत्यंत साहसी एवं वीर थे।
--वे उदार एवं संवेदनशील व्यक्ति थे।
--वे बहुत निडर थे।
--वे सामाजिक कार्यकर्ता भी थे।
--वे अत्यंत स्वाभिमानी भी थे।
2)कुंवर सिंह को बचपन में घुड़सवारी ,तलवारबाजी और कुश्ती करने में बहुत मज़ा आता था। हां, उन्हें इन कामों में स्वतंत्रा सेनानी बनने में बहुत मदद मिली। इन कामों के कारण वे एक कुशल योद्धा और वीर सेनानायक बन सके। वीर कुंवर सिंह छापामार युद्ध में निपुण थे।
3) सांप्रदायिक सद्भाव में कुँवरसिंह की गहरी आस्था थी इसलिए इब्राहिम खाँ और किफायत हुसैन उनकी सेना में धर्म के आधार पर नहीं अपितु कार्यकुशलता और वीरता के कारण उच्च पद पर आसीन थे।
4)साहसी व्यक्ति – कुँवरसिंह का पूरा जीवन ही उनके साहसपूर्ण घटनाओं से भरा पड़ा है। ... उदार व्यक्ति – कुँवरसिंह का व्यक्तित्व बड़ा ही उदार था।
5)प्रायः मेले का उपयोग मनोरंजन, खरीद-फरोख्त तथा मेलजोल के लिए किया जाता है, लेकिन कुँवर सिंह ने सोनपुर के मेले का उपयोग स्वाधीनता संग्राम की योजना बनाने के लिए किया।
वीर कुंवर सिंह का जन्म 13 नवंबर 1777 को बिहार के भोजपुर जिले के जगदीशपुर गांव में हुआ था। ... उनके माताजी का नाम पंचरत्न कुंवर था. उनके छोटे भाई अमर सिंह, दयालु सिंह और राजपति सिंह एवं इसी खानदान के बाबू उदवंत सिंह, उमराव सिंह तथा गजराज सिंह नामी जागीरदार रहे तथा अपनी आजादी कायम रखने के खातिर सदा लड़ते रहे।