निबंध
सब पढ़ी ,आगे बढी
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पिछले वर्ष शिक्षा के क्षेत्र में बहुत उल्लेखनीय कार्य नहीं होने के बाद भी नए वर्ष में नई उम्मीदें शिक्षा के क्षेत्र में दिखाई दे रही हैं। नए साल में यह उम्मीद है कि सरकार एक बार फिर 'सब पढ़े, सब बढ़े' के सपने को साकार करने के प्रति गंभीरता दिखाएगी।
बहुत संभावना है कि नए वर्ष में दिल्ली में जो भी नई सरकार बनेगी, वो बेहतर शिक्षा नीति लेकर आएगी। हालांकि, अभी राजधानी में प्रतिवर्ष उच्च शिक्षा और प्राथमिक शिक्षा में जिस तरह बोझ बढ़ रहा है, उससे ऐसा लगता है कि न केवल प्राथमिक स्तर पर बल्कि उच्च शिक्षा के स्तर पर भी कई नए कॉलेज खोलने की आवश्यकता है, जो राजधानी में शिक्षा के जगत में लगातार बढ़ रही मांग को पूरा कर सकें।
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) द्वारा पूर्वी परिसर के लिए ली गई जमीन के बाद भी यहां पर पिछले साल कैंपस का निर्माण नहीं हो पाया, जबकि गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के पूर्वी परिसर की आधारशिला मानव संसाधन विकास मंत्री द्वारा 14 दिसंबर को रख दी गई। ऐसी उम्मीद है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) एक बार फिर डीयू के पूर्वी कैंपस की मांग को लेकर आवाज उठा सकती है और नए सत्र में छात्र संघ चुनाव से पहले इसके लिए कोई ठोस कदम उठा लिया जाए।
नर्सरी दाखिला के लिए रुक सकती है मारामारी
नर्सरी दाखिला के मामले में दिल्ली सरकार बनाम निजी स्कूलों के मामले में अदालत के आदेश के बाद शिक्षा निदेशालय को घोर निराशा हाथ लगी है। बहुत संभावना है कि राजधानी में मार्च तक सरकार का गठन हो जाएगा और शिक्षा निदेशालय अपनी सिफारिश सरकार को भेजे, जिसमें नए कानून की बात हो। वर्तमान में निजी स्कूलों को लेकर नख दंतविहीन की स्थिति में निदेशालय को और अधिकार मिले और निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगा सके। यही नहीं, नर्सरी दाखिला के लिए नए दिशा-निर्देश भी तय हों और अभिभावकों को अपने बच्चों के नर्सरी दाखिला की परेशानी से मुक्ति मिले। के पूर्वी परिसर का सपना हो सकता है साकार