निबंध 'सतर्क भारत, समृद्ध भारत'
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मैं गन्दगी को दूर करके भारत माता की सेवा करुँगा। मैं शपथ लेता हूँ कि मैं स्वयं स्वच्छता के प्रति सजग रहूँगा और उसके लिये समय दूँगा। हर वर्ष सौ घंटे यानी हर सप्ताह दो घंटे श्रमदान करके स्वच्छता के इस संकल्प को चरितार्थ करुँगा। मैं न गन्दगी करुँगा, न किसी और को करने दूँगा। सबसे पहले मैं स्वयं से, मेरे परिवार से, मेरे मोहल्ले से, मेरे गाँव से और मेरे कार्यस्थल से शुरुआत करुँगा। मैं यह मानता हूँ कि दुनिया के जो भी देश स्वच्छ दिखते हैं उसका कारण यह है कि वहाँ के नागरिक गन्दगी नहीं करते और न ही होने देते हैं। इस विचार के साथ मैं गाँव-गाँव और गली-गली स्वच्छ भारत मिशन का प्रचार करुँगा। मैं आज जो शपथ ले रहा हूँ वह अन्य सौ व्यक्तियों से भी करवाऊँगा, ताकि वे भी मेरी तरह सफाई के लिये सौ घंटे प्रयास करें। मुझे मालूम है कि सफाई की तरफ बढ़ाया गया एक कदम पूरे भारत को स्वच्छ बनाने में मदद करेगा। जय हिन्द।’’