निबंध :- दासता एक अभिशाप
Answers
Answer:
दासता एक अभिशाप
प्रस्तावना- निरक्षता का सामान्य अर्थ, अक्षरों की पहचान न होना है। निरक्षर व्यक्ति के लिए काला अक्षर भैंस के समान होता है। जो व्यक्ति न तो पढ़ना-लिखना जानते हैं और न ही सामने लिखी संख्या को सरलता से पहचान पाते हं, वह निरक्षर कहलाते हैं।
निरक्षरता से हानि- निरक्षर व्यक्ति को न तो संसार का ज्ञान होता है और न ही व अपने साथ होने वाले लिखित व्यवहार को समझ सकता है। इसीलिए निरक्षरता एक अभिशाप माना जाता है।
इक्कीसवीं सदी में प्रवेश करने वाले ज्ञान-विज्ञान के इस प्रगतिशील युग में भी यदि कोई व्यक्ति या देश निरक्षर हो तो एक त्रासदी के अतिरिक्त और कुछ भी कहना गलत होगा।
परंतु यह कथन सत्य है कि स्वतन्त्र भारत में शिक्षा का प्रसार होने पर भी भारत में निरक्षरांे तथा अशिक्षितों की संख्या बहुत अधिक है। इस बात का ज्ञान होते हुए भी निरक्षर व्यक्ति साक्षर बनने का प्रयास नहीं करते।
साक्षरता क्यों आवश्यक- यदि हम प्रगति तथा विकास कार्यों से प्राप्त होने वाले सकल लाभ को प्राप्त करना चाहते हैं, तो हम सबको निरक्षरता को समाप्त करके साक्षर बनना होगा।
व्यक्तिगत स्तर भी निरक्षर व्यक्ति को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। निरक्षर व्यक्ति न तो कहीं मनीआॅर्डर भेज सकता है और न ही कहीं से मनीआॅर्डर प्राप्त कर सकता है। आजादी से पहले देहाती निरक्षकों से तो अंगूठे लगवाकर जमींदार व महालन उनकी सारी जमीन अपने नाम कर लिया करते थे। इसीलिए निरक्षरता एक अभिशाप माना जाता है।
Answer:
जो व्यक्ति न तो पढ़ना-लिखना जानते हैं और न ही सामने लिखी संख्या को सरलता से पहचान पाते हं, वह निरक्षर कहलाते हैं। निरक्षरता से हानि- निरक्षर व्यक्ति को न तो संसार का ज्ञान होता है और न ही व अपने साथ होने वाले लिखित व्यवहार को समझ सकता है। इसीलिए निरक्षरता एक अभिशाप माना जाता है।