Physics, asked by ganeshmahajan9740, 10 months ago

नाभिकीय पैमाने पर लंबाई का सुविधाजनक मात्रक फर्मी है : (1 f = 10^{-15} m) । नाभिकीय आमाप लगभग निम्नलिखित आनुभविक संबंध का पालन करते हैं :
r= r_{0} A^{\frac{1}{3} }
जहां r नाभिक की त्रिज्या, A इसकी द्रव्यमान संख्या और r0 कोई स्थिरांक है जो लगभग 1.2f के बराबर है। यह प्रदर्शित कीजिए कि इस नियम का अर्थ है कि विभिन्न नाभिकों के लिए नाभिकीय द्रव्यमान घनत्व लगभग स्थिर है। सोडियम नाभिक के द्रव्यमान घनत्व का आकलन कीजिए । प्रश्न 2.27 में ज्ञात किए
गए सोडियम परमाणु के माध्य द्रव्यमान घनत्व के साथ इसकी तुलना कीजिए।

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Answered by Anonymous
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Answered by kaashifhaider
2

विभिन्न नाभिकों के लिए नाभिकीय द्रव्यमान घनत्व लगभग स्थिर हैं।

Explanation:

r = r°A⅓   जहाँ r  नाभिक की त्रिज्या है।

नाभिक का आयतन  = 4/3 π r³ = 4/3 π ( r°A⅓)³ = 4πr°³A/3

नाभिक का द्रव्यमान  = द्रव्यमान संख्या × आवोगाड्रो कांस्टेंट = A × 10^-3 Na

नाभिक का द्रव्यमान  = M/V

= A× 10^-3/Na{4πr°³A/3}

= 3× 10^-3/Na×4πr°³ ×आवोगाड्रो कांस्टेंट

सोडियम अणु का द्रव्यमान घनत्व  = 3× 10^-3/Na × 4πr°³

= 3× 10^-3 /{ 6.023 × 10^23 × 4 × 3.14 × (1.2 × 10^-15)³ } Kg/m³

= 2.29 × 10^17 Kg/m³

इस संबंध से पता चलता है कि परमाणु द्रव्यमान केवल कांस्टेंट  पर निर्भर करता है

इसलिए, परमाणु द्रव्यमान  घनत्व  सभी नाभिकों के लगभग समान होते हैं

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