Hindi, asked by vikaspatel9335420822, 7 months ago

निबन्ध मेरे जीवन का लक्ष्य'
सकेत विन्दुः मेरे जीवन का लक्ष्य
लक्ष्य की आवश्यकता,लक्ष्य प्राप्ति की तैयारी
निष्कर्ष /उपसंहार​

Answers

Answered by gaurivirat
4

Answer:

यह एक सर्वविदित तथ्य है कि बिना उद्देश्य वाला व्यक्ति ऐसा होता है जैसे ऑक्सीजन बिना जीवन। इस दुनिया के सभी प्राणियों का एक ना एक विशिष्ट उद्देश्य होता है। हर मनुष्य का जीवन में सपना होता है कि वह कुछ बने और कुछ अलग करे। कोई डॉक्टर बनना चाहता है तो कोई इंजीनियर, कोई वैज्ञानिक। लक्ष्य प्राप्ति हेतु मनुष्य जीवन में कई चुनौतियों को पार करता है और परिश्रम, सूझ -बुझ के साथ अपने मंज़िल पर पहुँचता है। उद्देश्यहीन व्यक्ति का इस दुनिया में कोई मोल नहीं है और ना ही कोई इज़्ज़त। उद्देश्य का अर्थ है इरादा जिसको पाने के लिए कोशिश करना। हर मनुष्य की अपनी आकांक्षाएं होती है।मैं जब नौ साल की थी तभी से सोच लिया था कि मैं एक शिक्षिका बनूँगी। शिक्षिका बन कर समाज की बेहतर रूप से सेवा करुँगी। मैं अपने खाली वक़्त में अपने से छोटे बच्चो को पढ़ाया करती थी।

शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जिससे आप अपना ज्ञान दूसरो तक पहुंचा सकते है। ज्ञान बाटने से बढ़ता है। मैं विज्ञान विषय संबंधित पढ़ाई करना चाहती हूँ। इसके लिए अच्छे कॉलेजों में प्रवेश पाने हेतु मैं कड़ी मेहनत कर रही हूँ। मेरा सपना है कि जीव विज्ञान पर रिसर्च कर सकूँ। इसके लिए मेरे माता -पिता मुझे हमेशा प्रोत्साहित करते है और उनका आशीर्वाद बना रहा तो अवश्य मैं अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर पाऊँगी।

बिना उद्देश्य वाला व्यक्ति बिना पतवार के लक्ष्य जैसे होता है। इसका तात्पर्य है बिना पतवार के एक जहाज खतरे का सामना करता है। इस प्रकार के हालत में व्यक्ति ज़िन्दगी के रास्ते में लड़खड़ा जाता है।

उपसंहार : .जीवन का प्राथमिक उद्देश्य है कि लक्ष्य प्राप्ति के पूर्व मनुष्य को कई प्रकार के आपदाओं का सामना करना पड़ता है। अलग -अलग लोगों के विभिन्न लक्ष्य होते है। कुछ लोगों का रुझान संगीत, नृत्य, राजनीति इत्यादि क्षेत्र की तरफ होता है। प्रत्येक इंसान अपने झुकाव या रुझान के अनुसार अलग -अलग उद्देश्य को अपनाते है।

please mark me as brainlist and also follow me

Similar questions