नीच का क्या लक्ष न है
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वहीं इसके विपरीत पीड़ित या नीच का सूर्य जातक को अहंकारी, उदास, विश्वासहीन, ईर्ष्यालु, क्रोधी, महत्वाकांक्षी, आत्म केंद्रित, क्रोधी आदि बनाता है। मान्यता के अनुसार सोने में सूर्य का बल है जबकि चांदी में चंद्र का बल माना जाता है।
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