नीचे लिखे अवतरण को पढ़िए और इन के आधार पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
राष्ट्रीय निर्माण के इतिहास के लिहाज से सिर्फ सोवियत संघ में हुए प्रयोगों की तुलना भारत से की जा सकती है I सोवियत संघ में भी विभिन्न और परस्पर अलग- अलग जातीय समूह, धर्म, भाषाई समुदाय और सामाजिक वर्गों के बीच एकता का भाव कायम करना पड़ता I जिस पैमाने पर यह काम हुआ, चाहे भौगोलिक पैमाने के लिहाज से देखें तथा जनसंख्यागत वैविध्य के लिहाज से, वह अपने आप में बहुत व्यापक कहा जाएगा I दोनों ही जगह राज्यों को जिस कच्ची सामग्री से राष्ट्र- निर्माण की शुरुआत करनी थी वह समान रूप से दुष्कर थी I लोग धर्म के आधार पर बने हुए और कर्ज तथा बीमारी से दबे हुए थे I
-रामचंद्र गुहा
(क) यहां लेखक ने भारत और सोवियत संघ के बीच जिन समानताओं का उल्लेख किया है, उनकी एक सूची बनाएं I इनमें से प्रत्येक के लिए भारत से एक उदाहरण दीजिए I
(ख) लेखक नहीं है भारत और सोवियत संघ मैं चली राष्ट्र- निर्माण की प्रक्रियाओं के बीच की समानता का उल्लेख नहीं किया है I आप दो समानताएं बता सकते हैं?
( ग) अगर पीछे मुड़कर देखे तो आप क्या खाते हैं? राष्ट्र- निर्माण के इन दो प्रयोगों में किसने बेहतर काम किया और क्यों?
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"(क) समानताएँ
१. दोनों देशो में पहले राजतंत्र और बादमे प्रजातंत्र हुआ |
२. दोनों में भाषाई असामनता है, भारत में कई भाषाए बोली जाती हे |
३. भारत में जन संख्या विशाल है |
४. दोनों की जनता आजादी के समय बीमारी और कर्ज की शिकार थी |
५. दोनों देश धार्मिक आधार पर बटे है |
६. दोनों भौगोलिक दृष्टि से विशाल देश है |
(ख) असमानताएँ
१. भारत में बहुदलीय व्यवस्था है जब की सोविएत संघ में एकदलीय व्यवस्था है |
२. भारतीय संघ में नए प्रान्त जुड़ सकते है लेकिन वे संघ से अलग नहीं हो सकते , जबकी सोविएत संघ में नए प्रान्त कभी भी अलग हो सकते थे |
(ग) दोनों में भारत संघ ने बहेतर काम किया है | आज देखे तो सोविएत संघ का विघटन हो गया है और भारत में सामाजिक , सांस्कृतिक, धार्मिक तथा राजनितिक रूप से प्रजा को स्वतंत्रता प्राप्त है | "
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