नीचे लिखी बातचीत पढ़े l इस बातचीत में जो मुद्दे उठाए गए हैं उसके बारे में अपना मत दो सौ शब्दों में लिखें।
आलोक - हमारे संविधान में स्त्री और पुरुष को बराबरी का दर्जा दिया गया है। स्थानीय निकायों में स्त्रियों को आरक्षण देने से सत्ता में उनकी बराबर की भागीदारी सुनिश्चित हुई है।
नेहा - लेकिन, महिलाओं का सिर्फ सत्ता के पद पर काबिज होना ही काफी नहीं है। यह भी ज़रूरी है कि स्थानीय निकायों के बजट में महिलाओं के लिए अलग से प्रावधान हो।
जयेश - मुझे आरक्षण का यह गोरखधंधा पसंद नहीं। स्थानीय निकाय को चाहिए कि वह गाँव के सभी लोगों का ख्याल रखे और ऐसा करने पर महिलाओं और उनके हितों की देखभाल अपने आप हो जाएगी।
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Answer with Explanation:
उपरोक्त बातचीत में महिलाओं के सशक्तिकरण से संबंधित मुद्दा उठाया गया। प्राय: सभी राजनीतिक दल , महिला संघ व सामाजिक संगठन निरंतर इस बात पर बल देते हैं कि जब तक स्थानीय संस्थाओं, विधान मंडलों और संसद में महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व प्राप्त नहीं होगा, तब तक महिलाओं की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो सकता। 73वें और 74वें संशोधन द्वारा ग्रामीण एवं शहरी स्थानीय संस्थाओं में महिलाओं के लिए कुल निर्वाचित पदों का एक तिहाई भाग आरक्षित किया गया है । इससे महिला सशक्तिकरण आंदोलन को बल मिला। संसद और राज्य विधान मंडलों में महिलाओं के लिए एक तिहाई स्थान आरक्षित रखने के लिए कई बार प्रयास किए जा रहे हैं।
परंतु यहां यह बात भी उल्लेखनीय है कि महिलाओं को केवल स्थानीय आधार पर आरक्षण देने से ही बात नहीं बनेगी परंतु उन्हें वित्तीय निर्णय में भी भागीदारी देनी चाहिए । यद्यपि ग्राम पंचायत या पंचायत सभी वर्गों के विकास के लिए कार्य करती है , परंतु फिर भी महिलाओं के विकास के लिए विशेष प्रयास किए जाने आवश्यक है। इससे न केवल महिलाओं में राजनीतिक जागृति पैदा होगी, बल्कि उनमें राजनीतिक नेतृत्व का विकास होगा, उनकी सामाजिक स्थिति सुधरेगी तथा उन्हें रोज़गार मिलने में भी आसानी होगी।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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सामाजिक रूप से कमज़ोर वर्गों के लिए संविधान के 73वें संशोधन में आरक्षण के क्या प्रावधान हैं? इन प्रावधानों से ग्रामीण स्तर के नेतृत्व का खाका किस तरह बदला है?
https://brainly.in/question/12150978
संविधान के 73वें संशोधन से पहले और संशोधन के बाद के स्थानीय शासन के बीच मुख्य भेद बताएँ।
https://brainly.in/question/12151039
Answer:
इस बातचीत में जो मुद्दे उठाए गए हैं उसके बारे में अपना मत दो सौ शब्दों में लिखें।
आलोक - हमारे संविधान में स्त्री और पुरुष को बराबरी का दर्जा दिया गया है। स्थानीय निकायों में स्त्रियों को आरक्षण देने से सत्ता में उनकी बराबर की भागीदारी सुनिश्चित हुई है।
नेहा - लेकिन, महिलाओं का सिर्फ सत्ता के पद पर काबिज होना ही काफी नहीं है। यह भी ज़रूरी है कि स्थानीय निकायों के बजट में महिलाओं के लिए अलग से प्रावधान हो।
जयेश - मुझे आरक्षण का यह गोरखधंधा पसंद नहीं। स्थानीय निकाय को चाहिए कि वह गाँव के सभी लोगों का ख्याल रखे और ऐसा करने पर महिलाओं और उनके हितों की देखभाल अपने आप हो जाएगी।.....❤पिता अलग अपना डौललगा रहा है. ... वह बराबरी में मुंह दिखानेलायक न रहा. ... गोबर जिस आवेश में भोला के पास आया था, वह बातचीत के बाद ठंडा पड़ ..