नीचे लिखे गद्यांश को पढ़ कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(2x33D6)
अब हालदार साहब को बात कुछ - कुछ समझ में आई । एक चश्मेवाला है जिसका नाम कैप्टन है ।
उसे नेताजी की बगैर चश्मेवाली मूर्ति बुरी लगती है । बल्कि आहत करती है, मानो चश्मे के बगैर नेताजी को
असुविधा हो रही हो । उसलिए वह अपनी छोटी-सी दुकान में उपलब्ध गिने - चुने फ्रेमों में से एक नेताजी
की मूर्ति पर फिट कर देता है । लेकिन जब कोई ग्राहक आता है और उसे वैसे ही फ्रेम की दरकार होती है
जैसा मूर्ति पर लगा है तो कैप्टन चश्मेवाला मूर्ति पर लगा फ्रेम संभवतः नेताजी से क्षमा माँगते हुए - लाकर
ग्राहक को दे देता है और बार में नेताजी को दूसरा फ्रेम लौटा देता है । वाह ! भाई खूब ! क्या आइडिया है ।
क)
चश्मेवाला अपने चश्मे कैसे बेचता है ?
चश्मेवाला मूर्ति का चश्मा बदल क्यों देता है ?
ग) हालदार किस बात पर खुशहोता है ?
Answers
Answered by
1
Answer:
1 answer - चश्मेवाला मूर्ति पर लगा फ्रेम संभवतः नेताजी से क्षमा माँगते हुए - लाकर
चश्मेवाला मूर्ति पर लगा फ्रेम संभवतः नेताजी से क्षमा माँगते हुए - लाकरग्राहक को दे देता है और बार में नेताजी को दूसरा फ्रेम लौटा deta hai
2 answer - kyuki neta ji jaisi frame grahako ko BHI chahiye thi
3 answer - chashmewala chune frame se neta ji ke liye jo chashme banata tha aur agar kisi grahak ko uske jaisa hi chashma chahiye hota tha to vaha use nikal deta aur grahako ko de deta
HOPE IT HELPS
PLS MARK ME BRAINLEST
AND PLS FOLLOW ME
Similar questions
Chemistry,
4 months ago
Social Sciences,
4 months ago
Math,
9 months ago
Physics,
9 months ago
Biology,
1 year ago