Hindi, asked by gurshaan12g, 8 months ago

नीचे लिखे प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर लिखिए।
क) स्पर्श व्यंजनों के प्रत्येक वर्ग का पंचमाक्षर लिखिए।
ख) हस्व और दीर्घ स्वर कौन कौन से है?
ग) अंतस्थ' और 'ऊष्ण व्यंजन' लिखिए।
घ) स्वर तथा व्यंजन में अंतर स्पष्ट कीजिए।​

Answers

Answered by khushithestar
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Explanation:

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स्पर्श व्यंजन – स्पर्श यानी छूना। जिन व्यंजनों के उच्चारण के समय श्वास वायु और जिह्वा मुख के भागों को स्पर्श करती हैं, वे स्पर्श व्यंजन कहलाते हैं। कु से मु तक 25 स्पर्श व्यंजन हैं।

क वर्ग का उच्चारण स्थल कंठ है।

च वर्ग का उच्चारण स्थल तालु है।

ट वर्ग का उच्चारण स्थल मूर्धा है।

त वर्ग का उच्चारण स्थल दाँत है।

प वर्ग का उच्चारण स्थल होठ है।

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ह्रस्व स्वर – ‘ह्रस्व’ का अर्थ है-लघु अथवा छोटा। जिन स्वरों के उच्चारण में कम समय लगता है, उन्हें हम ह्रस्व स्वर कहते हैं। ये कुल चार हैं-अ, इ, उ, ऋ।।

दीर्घ स्वर – दीर्घ का अर्थ है-बड़ा। जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व स्वरों की अपेक्षा अधिक समय लगता है, उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं। ये कुल सात हैं-आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ।

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अंतस्थ व्यंजन – मध्य/बीच = स्थित। इन व्यंजनों का उच्चारण स्वर तथा व्यंजन के मध्य का – सा होता है। उच्चारण के समय जिवा मुख के किसी भाग को स्पर्श नहीं करती। ये चार है- य, र, ल, व।

ऊष्म व्यंजन – ऊष्म = गर्म। इन व्यंजनों के उच्चारण के समय वायु मुख से रगड़ खाकर ऊष्मा पैदा करती है। यानी उच्चारण के समय मुख से गर्म हवा निकलती है। ये चार हैं- श, ष, स, ह।

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स्वर – जिन वर्णो को बोलने के लिए अन्य ध्वनियों का सहारा नहीं लेना पड़ता, उन्हें स्वर कहते हैं। स्वरों के उच्चारण में हवा हमारे मुख से बिना किसी रुकावट के निकलती हैं। हिंदी में ग्यारह स्वर हैं, अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ।

व्यंजन – जिन वर्गों का उच्चारण स्वरों की सहायता से होता है, उन्हें व्यंजन कहते हैं। व्यंजन के उच्चारण में ‘अ’ स्वर की सहायता लेनी पड़ती है।

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