नीच लिख
दोहे में सेकसी
नकसीराक
दोई-को-सप्रंसग व्याख्या कीजिए
प्रभु लरुतर कपि डार पर, ते कडा आपु
समाना
तुलसी कहुँन राम से, साहिबसील
निचाना in himdi
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tehd tsggdh ysgsyvs yu
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