Hindi, asked by nareshgalaxy11, 2 months ago

नीच निचाई नही तजई, सज्जनहू के संग।
तुलसी चंदन बिटप बसि, बिनु बिष भय न भुजंग
II​

Answers

Answered by shishir303
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नीच निचाई नही तजई, सज्जनहू के संग।

तुलसी चंदन बिटप बसि, बिनु बिष भय न भुजंग।

अर्थ ⦂ तुलसीदास कहते हैं कि अधम यानी नीच व्यक्ति सज्जन लोगों के साथ कितना भी रह गए लेकिन वह अपनी नीचता करना नहीं छोड़ता अर्थात सज्जनों के साथ रहकर भी उसकी नीचता में कोई कमी नहीं आ पाती। वह अपना मूल स्वभाव नहीं छोड़ पाता। बिल्कुल उसी तरह जिस तरह चंदन के वृक्ष से विष भरे साँप लिपटे रहते हैं, लेकिन शीतल चंदन के वृक्ष से लिपटे रहने के बाद भी सांपों का विष कम नहीं होता।

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