Hindi, asked by ghydra537, 8 months ago

न चौरहार्य न च राजहार्य, न भ्रातृभाज्यं न च भारकारि।
व्यये कृते वर्द्धत एव नित्यं, विद्याधनं सर्वधनप्रधानम्।। ५।।
केयूराणि न भूषयन्ति पुरुषं हारा न चन्द्रोज्ज्वलाः ।
न स्नानं न विलेपनं न कुसुमं नालड कृता मूर्द्धजाः ।।
वाण्येका समलड करोति पुरुषं या संस्कृता धार्यते ।
क्षीयन्ते खलु भूषणानि सततं वागभूषणं भूषणम्।। ६||
षड दोषाः पुरुषेणे ह, हातव्या भूतिमिच्छता ।
निद्रा तन्द्रा भयं क्रोधः, आलस्यं दीर्घसूत्रता।। ७।।





ye slock ka hindi meaning batao koi​

Attachments:

Answers

Answered by avi86579
2

Answer:

1)विद्यारुपी धन को कोई चुरा नहि सकता, राजा ले नहि सकता, भाईयों में उसका भाग नहि होता, उसका भार नहि लगता, (और) खर्च करने से बढता है । सचमुच, विद्यारुप धन सर्वश्रेष्ठ है।

२)बाजुबन्द पुरुष को को शोभायमान नहीं करते हैं और ना ही चन्द्रमा के समान उज्जवल हार ,न स्नान,न चन्दन का लेप,न फूल और ना ही सजे हुए केश ही शोभा बढ़ाते हैं। केवल सुसंस्कृत प्रकार से धारण की हुई वाणी ही उसकी भली भांति शोभा बढ़ाती है साधारण आभूषण नष्ट हो जाते है परन्तु वाणी रूपी आभूषण निरन्तर जारी रहने वाला आभूषण हैं।

३)ऐश्वर्य और उन्नति की कामना करने वाले व्यक्तियों

को नींद , तन्द्रा (ऊंघना), भय , क्रोध, आलस्य , तथा दीर्घसूत्रता

(शीघ्र हो जाने वाले कार्यों में भी अधिक देरी लगाने की आदत) -

इन छः दुर्गुणों को त्याग देना चाहिये |

Target of getting thanks -: 30 please

Similar questions