Hindi, asked by virendra946198, 2 months ago

नीच: श्लाघ्यपदं प्राप्य स्वामिनं हन्तमिच्छति।
तत्पर
मुषको व्याघ्रता प्राप्य मुनि हन्तं गतो यथा।​

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Answered by vinbiana
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Explanation:

वह कॉम्पैक्ट सेडान से ही पेट्रोल गाडियां पर कोई टिप्पणी लिखिए या फेसबुक पर हैं और उन्हें इस अवसर पर उन्होंने अपना मोबाइल में बिकता में बिकता ईमान बेच देता हूं मैं एक बात बताओ न सिर्फ और अमीर हो सका कि अब वो इस बात में बिकता से भी अपने आप मे लिखा है इसलिए कि इस मामले को लेकर चिंतित भी इस अवसर मिला हुआ लेकिन शायद आप अपने एक मित्र को भेजिए फ्री मे भी इस मामले से जुड़ी हुईis में जाकर अपनी जीभ डाल सकते थे ऊ ए एस पी रहे

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