नीचे दिए गए अपठित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए |
बिहार की लोक विभूतियों में सर्वश्रेष्ठ भगवान बुद्ध को ज्ञान मिला था कि वीणा के तारों को इतना मत कसो कि
वह टूट जाय और इतना ढीला भी मत कर दो कि उससे संगीत ही न निकले | इससे इतना तो प्रमाणित हो जाता है
कि बुद्ध के काल का बिहार वीणा के मर्म से पूरी तरह परिचित था | चाणक्य ने गायन तथा नृत्य में प्रवीण
गणिकाओं के राज्य द्वारा संरक्षण का विधान अपने अर्थशास्त्र में किया है। प्रमाण मिलते हैं कि सम्राट समुद्र
गुप्त वीणा बजाने में इतने प्रवीण थे कि विशेषज्ञ उन्हें 'संगीत मार्तड 'कहा करते थे | कबीर दास ,सूरदास तथा
तुलसी दास के पदों के साथ विभिन्न रागों का निर्देश भी मिलता है | मिथिला के राजा हरि सिंह देव के दरबारी
आचार्य ज्योतीरीश्वर ठाकुर के साथ वर्ण रत्नाकर में संगीत शास्त्र का विस्तार से उल्लेख मिलता है ।
निम्नलिखित में से किस काल में बिहार “वीणा के मर्म “से परिचित हो चुका था ?
1) आदिकाल में
2) पाषाण काल में
3) पुरापाषाण काल में
4) बुद्ध के काल में
गद्यांश में चाणक्य के किस ग्रन्थ का उल्लेख किया गया है ?
1) समाज शास्त्र
2) अर्थशास्त्र
3) नागरिक शास्त्र
4) राजनीति शास्त्र
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Explanation:
- बुध काल में
- अर्थशास्त्र
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1) 4) buddh ke kaal me
Explanation:
2) 2) arthshaastra
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