Hindi, asked by 1sneha2kumari3, 2 months ago

नीचे दिए गए अपठित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
जब कोयल को यह आश्वासन मिला कि पेड़ों के काटने पर रोक लगा दी जाएगी तथा संसार को और हरा-भरा
बनाया जाएगा तब कोयल ने कहा, "मैं कहाँ जन्मी, पली और बड़ी हुई; मुझे कुछ पता नहीं। संगीत के प्रति
लगन मुझे स्वयं भगवान ने दी। मुझे नहीं पता कि मैं काली हूँ या गोरी। मैं तो बस साधना करती हूँ और
साधक को अपने प्रचार के लालच में नहीं पड़ना चाहिए, नहीं तो साधना कभी पूरी नहीं होती। न मुझे एकेडमी
की चाह है और न रिकॉर्ड बनवाने की, न पैसे की और न ख्याति की! मेरी साधना से यदि किसी को सुख
मिले या उसमें स्वयं अपनी साधना के प्रति लगन उत्पन्न हो तो मैं समझूगी कि मेरी साधना सफल हुई।
(1) साधक की क्या विशेषताएँ होती हैं?

Answers

Answered by harshitha6624
2

Answer:

साधक को अपने प्रचार के लालच में नहीं पड़ना चाहिए, नहीं तो साधना कभी पूरी नहीं होती

Answered by AANURAGJHA09
1

Answer:

SADAK KO KBHI LALACH MAI NHI PARNA CHAIYE.

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