नीचे दिए गए चित्र में जो भी कुछ देख रहे हैं उसका वर्णन 100 से 120 शब्दों में कीजिये।
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Essay On Bus Stand In Hindi
Essay On Bus Stand In Hindi
आज हमारे शहरों, नगरों में परिवहन की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं. मेट्रो, ओला, बस, ट्रेन, रिक्शे हर जगह मिल जाएगे. फिर भी एक शहर से दुसरे शहर जाने के लिए बस की यात्रा आज भी अधिकतर लोग पसंद करते हैं.
एक तरफ बस यात्रा से किराया कम आता हैं तो बैठने की अच्छी व्यवस्था मध्यम दूरी की यात्रा को सुगम बना देती हैं. मैंने रिक्शे को हाथ दिखाया और उन्हें बस स्टॉप तक चलने को कहा.
यह वर्षा ऋतू का मौसम था, जगह जगह सड़क के बीचो बिच जलाशय बन गये थे. तैसे वैसे हम बस स्टॉप पहुंचे. वहां जाने पर पाया कि बसें काफी देरी से चल रही हैं. स्टॉप पर ही कुछ बसें खराब हो गई.
किस्मत अच्छी थी, 15 मिनट बाद से हमारे शहर को जाने वाली बस बिलकुल सही एवं तैयार थी. हमने स्टॉप के टिकट खिड़की से यात्रा टिकट लिया और बस में बैठकर उसकी रवानगी की राह देखने लगे. कोलाहल और इसे और अधिक फेरी वाले कर देते है जब वे चाय बिस्किट पानी की बोतल लिए सिर चढ़कर बोलने लगते हैं.
थोड़ी ही देर में ड्राईवर और कन्डक्टर महाशय आए. उन्होंने विसल बजाई और बस चल दी. 50 सीटों की बस में 80 लोग सवार थे, इतनी भीड़ की वजह यह भी थी, कि पिछली बस एक घंटे बाद आनी थी.
कन्डकटर महाशय आगे खड़े यात्रियों पर चिल्लाते हुए उन्हें पीछे की ओर खड़ा होने के लिए कहते हैं. कभी कभार यात्रियों एवं महाशय में थोड़ी नोक झोक भी प्रायः देखने को मिल ही जाती हैं.
निश्चय ही मेरा पहला बस स्टॉप का अनुभव किसी तरह अच्छी अनुभूति देने वाला नहीं रहा था, जिसके चलते मैं बस यात्रा बिलकुल भी पसंद नहीं करता. मगर कई बार आर्थिक मजबूरियों के चलते हमें पुनः बस का सहारा लेने के लिए बस स्टॉप ही चलना पड़ता हैं.
बस स्टॉप की कुछ अच्छी बातें भी हैं जो हमारी यात्रा में थोड़ी राहत देती हैं जैसे शहर के किसी कोने से आसानी से रिक्शा मिल जाना, खाने पीने की सामग्री मिल जाना, सार्वजनिक शौचालय व पीने के पानी का उपलब्ध होना अच्छी बातें हैं.
दूसरी तरफ बहुत सी चीजे बस स्टॉप के नजारे को हमारे जेहन में एक गलत छवि बनवाते हैं. स्टॉप पर पसरी गंदगी, शोरगुल, बस में अथवा टिकट खिड़की पर धक्का मुक्की, सीट के लिए यात्रियों की बहस अथवा बस कंडक्टर की बकवास सुननी पडती हैं.
शहर के सबसे व्यस्त स्थानों में बस स्टॉप भी हैं. जहाँ लोग आते जाते ही मिलेगे. सिर पर सामान लादे अथवा रिक्शे से माल की बसों में आवाजाही के लिए ड्राप करने वाले बाइकर्स. भिन्न भिन्न समुदाय एवं संस्कृति के लोग स्टॉप पर बस का इंतजार करते नजर आते हैं.