नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़ कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दे,? श्रम साधना वाले को यश प्राप्त होता है और लेबल भी श्रम करके एक निर्धन परिवार का बालक भी उच्च पद पर आसीन हो जाता है और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति बदल देता है श्रम करके हमें अलोकित आनंद की प्राप्ति होती है तथा प्ररम संतोष का अनुभव होता है श्रम करके से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है शरारिक श्रम करने वाले प्राय: दीघंजीवी होता है श्रम करने वाले विकट परिस्थितियों में भी नही घबराता है आत्मविश्वास उसका रक्षक बन जाता है परिश्रम सफलता का मूलमंत्र है बिना परिश्रम किए किसी को भी सफलता नही मिलती है यदि मिलती है तो वह स्थायी नही होता परिश्रम व्यक्ति में आत्मसंतोष और आत्मनिर्भरता की भावना लाता है परिश्रम का कोई विकल्प नही है
(1) गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए
(2)श्रम करने वाले का रक्षक कौन होता है
(3)एक गरीब बालक के लिए श्रम किस प्रकार लाभदायी बन सकता है
(4)श्रम मानव जीवन का सुखमय बनाता है कैसे
(5)श्रम की सफलता का मूलमंत्र क्यों कहा जाता है
Answers
Answer:
Read the unseen extract and answer the following questions:
Whenever I see Gas balloons go up I wonder where we'd end up if we're balloons.
Would we go far away To some unknown destiny ?
Or will it be carefully decided goal We would work our way to ?
Balloons! How much they're
like human beings-
so different from each other
in colours, shapes, design and sizes
Some live long and some don't
Just like us some find
A pair of loving hands and some doesn't
They get lost, burst or destroyed
Like we do. At times
They rub cheeks affectionately
Occasionally you can hear, them whisper secrets
As only friend will. And once in a while, in the chill
of the night, or mist of dawn; you may find one tear
flowing down, silently.
Questions:
1. What does the poem describes?
2. Just as we are unaware about the fate of balloons,
3. Which is the line used to describe die rustling sound of balloons?
4. Write the meaning of " fate" and " whisper".
5. Give suitable title for the poem.
6. What does poet thinks of ballons?
(1) गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए|
श्रम का महत्व
(2)श्रम करने वाले का रक्षक कौन होता है?
श्रम करने वाले का रक्षक आत्मविश्वास होता है |
(3)एक गरीब बालक के लिए श्रम किस प्रकार लाभदायी बन सकता है?
बालक उच्च पद पर आसीन हो जाता है और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति बदल देता है |
(4)श्रम मानव जीवन को कैसे सुखमय बनाता है?
श्रम करके से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है शरारिक श्रम करने वाले प्राय: दीघंजीवी होता है| वह विकट परिस्थितियों में भी नही घबराता है|
(5)श्रम को सफलता का मूलमंत्र क्यों कहा जाता है?
बिना परिश्रम किए किसी को भी सफलता नही मिलती है यदि मिलती है तो वह स्थायी नही होता|
#SPJ2