। नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। 1.5-5
राष्ट्रीय एकता का अर्थ यह है कि देश के सभीनागरिक चाहे वे किसी भी संप्रदाय जाति धर्म, भाषा
अथवा क्षेत्र से संबंधित हों. इन सब सीमाओं से ऊपर उठकर इस समूचे देश के प्रति वफादार और
आत्मीयतापूर्ण हो । इसके लिए यदि उनको अपने निजी स्वार्थ अथवा समूह के स्वार्थ का भी त्याग करना
पड़े तो उसके लिए उन्हें तैयार रहना चाहिए और उनके लिए देश का हित सर्वोपरि होना चाहिए कितु कभी.
कभी तो लगता है कि देश की स्वतंत्रता के बाद हम राष्ट्रीय एकता से विमुख होकर राष्ट्रीय विघटेन की ओर
अग्रसर हो रहे हैं । स्वतंत्रता के पहले गांधी जी के नेतृत्व में पूरा देश एक होकर अंग्रेजी सामाज्य के विरुद्ध
लड़ा था परंतु उसके बाद पुनः हम धर्म भाषा क्षेत्रीयता के नाम से आपसी झगड़ों में उलझ गए है। कई बार
ऐसा लगता है कि हमारे देश में असमिया, बंगाली, पंजाबी,मराठा मद्रासी इत्यादितो है पर भारतीय विरले
ही है। हमारा देश प्राचीनकाल से ही विभिन्न धर्मों, संप्रदायों, विचारधाराओं तथा परपराओं का समन्वय
स्थल रहा है परंतु आधुनिककाल में जबसे विभिन्न धर्मो और संप्रदायों में अलगाव होने लगा पारस्परिक
ट्वेष, घृणा और संघर्ष बढ़ने लगा, तभी राष्ट्र प्रत्येक दृष्टि से कमजोर होने लगा। राजनैतिक दल इस
पारस्परिक तनाव का लाभ उठाकर राजनैतिक स्वार्थ पूरा करने लगे। इसलिए नेहरू जी ने कहा था, मैं
सांप्रदायिकता को देश का सबसे बड़ा शत्रु मानता हूँ।
राष्ट्रीय एकता का अर्थ है
L
(क) परस्पर विरोधी जातियों का एक होना (ख) विभिन्न भाषा भाषियों में एक दूसरे की भाषा
के प्रति लगाव होना (ग) एक-दूसरे के धार्मिक स्थलों के प्रति श्रद्धा भाव होना (घ) सभी भेदभावों को
भूलकर देश में एकता बनाए रखना।
Answers
Answered by
0
Answer:
घ)
Explanation:
सभी भेदभाव को भूलकर देश में एकता बनाए रखना
Similar questions