Hindi, asked by bushraali2209, 9 months ago

नीचे दिए गए शब्दों में से उचित शब्द छाँटकर दिए गए क्रिया-विशेषण के सामने लिख दीजिए-प्रत्येक क्रिया-विशेषण से संबंधित दो-दो
शब्द दिए गए हैं-
उंचा, धीरे-धीरे, प्रतिदिन, थोड़ा-थोड़ा, अचानक, धीमे-धीमे, इधर-उधर,
-उधर, वहाँ
(ख) रीतिवाचक क्रिया-विशेषण
(ग) स्थानवाचक क्रिया-विशेषण
(घ) कालवाचक क्रिया-विशेषण
(क) परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण​

Answers

Answered by vihantomar33
8

Answer:जिन शब्दों से क्रिया की विशेषता का बोध होता है उन्हें क्रियाविशेषण कहते हैं। जैस - वह धीरे-धीरे चलता है। इस वाक्य में 'चलता' क्रिया है और 'धीरे-धीरे' उसकी विशेषता बता रहा है। अतः 'धीरे-धीरे' क्रियाविशेषण है।

इसके 4 प्रकार है :

अनुक्रम

1 स्थानवाचक

2 कालवाचक

3 परिमाणवाचक

4 रीतिवाचक

स्थानवाचक

जो अविकारी शब्द किसी क्रिया के संपादित होने के स्थान का बोध कराते हैं, उन्हें स्थानवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।

जैसे- यहाँ, वहाँ, कहाँ, जहाँ, सामने, नीचे, ऊपर, आगे, भीतर, बाहर आदि।

उदाहरण-

श्रेया गोस्वामी वहाँ चल रही है। इस वाक्य में "वहाँ" चल क्रिया के व्यापार-स्थान का बोध करा रही है।

कालवाचक

जो अविकारी शब्द किसी क्रिया के होने का समय बतलाते हैं, उन्हें कालवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।

जैसे- परसों, पहले, पीछे, कभी, अब तक, अभी-अभी, बार-बार।

मैं प्रतिदिन स्कूल जाता हूँ।

परिमाणवाचक

जो अविकारी शब्द किसी क्रिया के परिमाण अथवा निश्चित संख्या का बोध कराते हैं, उन्हें परिमाणवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।

जैसे- बहुत, अधिक,अधिकाधिक पूर्णतया, सर्वथा, कुछ, थोड़ा, काफ़ी, केवल, यथेष्ट, इतना, उतना, कितना, थोड़ा-थोड़ा, तिल-तिल, एक-एक करके, आदि।

रीतिवाचक

जो शब्द किसी क्रिया के करने के तरीके/रीति का बोध कराए, वह रीतिवाचक क्रियाविशेषण कहलाते है।

जैसे धीरे–धीरे,जल्दी,रोज़,आदि।

Explanation:

Answered by sunprince0000
2

Answer:जिन शब्दों से क्रिया की विशेषता का बोध होता है उन्हें क्रियाविशेषण कहते हैं। जैस - वह धीरे-धीरे चलता है। इस वाक्य में 'चलता' क्रिया है और 'धीरे-धीरे' उसकी विशेषता बता रहा है। अतः 'धीरे-धीरे' क्रियाविशेषण है।

इसके 4 प्रकार है :

अनुक्रम

1 स्थानवाचक

2 कालवाचक

3 परिमाणवाचक

4 रीतिवाचक

स्थानवाचक

जो अविकारी शब्द किसी क्रिया के संपादित होने के स्थान का बोध कराते हैं, उन्हें स्थानवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।

जैसे- यहाँ, वहाँ, कहाँ, जहाँ, सामने, नीचे, ऊपर, आगे, भीतर, बाहर आदि।

उदाहरण-

श्रेया गोस्वामी वहाँ चल रही है। इस वाक्य में "वहाँ" चल क्रिया के व्यापार-स्थान का बोध करा रही है।

कालवाचक

जो अविकारी शब्द किसी क्रिया के होने का समय बतलाते हैं, उन्हें कालवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।

जैसे- परसों, पहले, पीछे, कभी, अब तक, अभी-अभी, बार-बार।

मैं प्रतिदिन स्कूल जाता हूँ।

परिमाणवाचक

जो अविकारी शब्द किसी क्रिया के परिमाण अथवा निश्चित संख्या का बोध कराते हैं, उन्हें परिमाणवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।

जैसे- बहुत, अधिक,अधिकाधिक पूर्णतया, सर्वथा, कुछ, थोड़ा, काफ़ी, केवल, यथेष्ट, इतना, उतना, कितना, थोड़ा-थोड़ा, तिल-तिल, एक-एक करके, आदि।

रीतिवाचक

जो शब्द किसी क्रिया के करने के तरीके/रीति का बोध कराए, वह रीतिवाचक क्रियाविशेषण कहलाते है।

जैसे धीरे–धीरे,जल्दी,रोज़,आदि।

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