Hindi, asked by rnalini2011, 8 months ago

नीचे दिए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उचित उत्तर वाले विकल्प चुनिए |

'आदमी की तलाश', यह स्वर अक्सर सुनने को मिलता है| यह भी सुनने को मिलता है की आज आदमी, आदमी नहीं रहा| इन्हीं स्थितियों के बीच दार्शनिक राधाकृष्णन की इन पक्तियों का स्मरण हो आया "हमने पक्षियों की तरह उड़ना और मछलियों की तरह तैरना तो सीख लिया है, पर मनुष्य की तरह पृथ्वी पर चलना और जीना नहीं सीखा|" जिंदगी के सफर में नैतिक और मानवीय उद्देश्यों के प्रति मन में अटूट विशवास होना जरूरी है| कहा जाता है - आदमी नहीं चलता, उसका विशवास चलता है| आत्मविश्वास सभी गुणों को एक जगह बाँध देता है, यानी कि विशवास की रोशनी में मनुष्य का सम्पूर्ण व्यक्तित्व और आदर्श उजागर होता है| गेटे की प्रसिद्ध उक्ति है कि जब कोई आदमी ठीक काम करता है तो उसे पता तब नहीं चलता कि वह क्या कर रहा है, पर गलत काम करते समय उसे हर क्षण यह ख्याल रहा है कि वह जो कर रहा है, वह गलत है| गलत को गलत मानते हुए भी इंसान गलत किए जा रहा है| इसी कारण समस्याओं एवं अँधेरों के अंबार लगे हैं| लेकिन ऐसा ही नहीं है| कुछ अच्छे लोग भी हैं, शायद उनकी अच्छाइयों के कारण ही जीवन बचा हुआ है| ऐसे लोगों ने नैतिकता और सच्चरित्रता का खिताब ओढ़ा नहीं, उसे जीकर दिखाया| वह भाग्य और नियति के हाथों खिलौना बनकर नहीं बैठे, स्वयं के पसीने से अपना भाग्य लिखा| महात्मा गाँधी ने इसलिए कहा कि हमें वह परिवर्तन खुद बनना चाहिए, जिसे हम संसार में देखना चाहते हैं| जरूरत है कि हम दर्पण जैसा जीवन जीना सीखें| उन सभी खिड़कियों को बंद कर दें, जिनसे आने वाली गन्दी हवा इंसान को इंसान नहीं रहने देती| मनुष्य के व्यवहार में मनुष्यता को देखा जा सके, यही 'आदमी की तलाश' है|


'मन में अटूट विशवास होना जरूरी है|' उपयुक्त वाक्य में 'अटूट' शब्द व्याकरण की दृष्टी से है
1 point
विशेषण
क्रिया-विशेषण
संज्ञा
सर्वनाम
मुख्य भाव के अनुसार गद्यांश का सबसे उपयुक्त शीर्षक हो सकता है
1 point
जीवन यात्रा
आदमी की तलाश
मानवीय उद्देश्य
लक्ष्य की ओर
सभी गुणों को एक स्थान पर जोड़ने की शक्ति किसमें बताई गई है?
1 point
सच्चरित्रता में
आत्मविश्वास में
मनुष्य में
नैतिकता में
'आदमी आदमी नहीं रहा' कथन का भाव है
1 point
मानव प्रगतिशील हो गया
मनुष्य में मनुष्यता नहीं रही
आदमी देवता बन गया
मनुष्य राक्षस जैसा बन गया
अनुचित कार्य करते समय मनुष्य को
1 point
विश्वास रहता है कि किसी को पता नहीं चलेगा
अच्छे मार्ग से कुछ पाने का भरोसा नहीं होता
पता ही नहीं होता की वह अनुचित कर रहा है
मालूम रहता है कि वह ठीक नहीं कर रहा
'अंधेरों के अम्बार लगे हैं' रेखांकित का भाव है
1 point
विघ्न-बाधाओं के
दुर्भाग्य के
अन्धकार के
बुराइयों के
शेष से भिन्न शब्द को पहचानिए |
1 point
नैतिकता
सच्चरित्रता
मनुष्यता
उछलता
"गलत को गलत मानते हुए भी इंसान गलत किये जा रहा है।" यह उक्ति किसकी है ?
1 point
अरस्तु
गेटे
रस्किन बॉन्ड



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Answers

Answered by poghghopl
0

kya me re ho bhai ye time pass Nahi hai to Kay hso

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