नीचे दी गई पंक्तियों का अर्थ स्पष्ट कीजिए-
(क) ऐसे थे अरमान कि उड़ते
नीले नभ की सीमा पाने
लाल किरण-सी चोंच खोल
चुगते तारक-अनार के दाने।
(ख) होती सीमाहीन क्षितिज से
इन पंखों की होड़ा-होड़ी
या तो क्षितिज मिलन बन जाता
या तनती साँसों की डोरी।
Answers
लाल किरण सी चोंच खोल सकते तारक अनार के दाने आशय स्पष्ट कीजिए।
पिंजरे में बंद पक्षी अपनी पीड़ा को व्यक्त करते हुए कहते हैं कि यदि आप लोगों ने हमें पिंजरे में बंद ना किया होता तो हम अपनी लाल चोंच को खोल करके जो सूर्य रूपी अनार का दाना है उसको हम चुगने निकल जाते अर्थात पक्षी कहते हैं कि जिस प्रकार सूर्य की किरण सूर्य से निकलकर धरती की ओर फैलती हुई आ रही है, उसी प्रकार हम भी अपनी चोंच खोल कर सूर्य रूपी अनार के दाने को खाने के लिए निकल जाते।
Answer:
लाल किरण सी चोंच खोल सकते तारक अनार के दाने आशय स्पष्ट कीजिए।
पिंजरे में बंद पक्षी अपनी पीड़ा को व्यक्त करते हुए कहते हैं कि यदि आप लोगों ने हमें पिंजरे में बंद ना किया होता तो हम अपनी लाल चोंच को खोल करके जो सूर्य रूपी अनार का दाना है उसको हम चुगने निकल जाते अर्थात पक्षी कहते हैं कि जिस प्रकार सूर्य की किरण सूर्य से निकलकर धरती की ओर फैलती हुई आ रही है, उसी प्रकार हम भ