Hindi, asked by PrashantVarshney, 3 months ago

नीचे दी गई पंक्तियों का अर्थ स्पष्ट कीजिए

(क) ऐसे थे अरमान कि उड़ते नीले नभ की सीमा पाने लाल किरण-सी चोंच खोल चुगते तारक-अनार के दाने

(ख) होती सीमाहीन क्षितिज से इन पंखों की होड़ा-होड़ी या तो क्षितिज मिलन बन जाता या तनती सांसों की डोरी।

(ग) हम बहता जल पीने वाले मर जाएंगे भूखे प्यासे कहीं भली है कटुक निबोरी कनक कटोरी की मैदा से।​

Answers

Answered by geetika5998
2

Answer:

पिंजरे में बंद पक्षी अपनी पीड़ा को व्यक्त करते हुए कहते हैं कि यदि आप लोगों ने हमें पिंजरे में बंद ना किया होता तो हम अपनी लाल चोंच को खोल करके जो सूर्य रूपी अनार का दाना है उसको हम चुगने निकल जाते अर्थात पक्षी कहते हैं कि जिस प्रकार सूर्य की किरण सूर्य से निकलकर धरती की ओर फैलती हुई आ रही है, उसी प्रकार हम भी अपनी

Answered by pankaj2006jha
5

Above is your answer.

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