Hindi, asked by puppyma571, 9 months ago

नीचे दी गई पंक्तियों का भाव समझाइए- विद्रुम से अरुण अधर, बोलत मुख मधुर मधुर। सुभग नासिका में चारु, लटकत लटकनियाँ।।​

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Answered by bharattiwariepatrika
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विद्रुम से अरुण अधर, बोलत मुख मधुर मधुर। सुभग नासिका में चारु, लटकत लटकनियाँ।।

इन पंक्तियों में तुलसीदास जी कहते हैं कि होठों के साथ जो कि मूंगा (विदुरन) की तुलना में लाल (अरुण) होते हैं, उस मुंह (मुख) से बोला गया हर एक शब्द बहुत मीठा यानी मुधर होता है। जबकि उनकी सुंदर नाक में लटकती हुई लटकनियां भी खूब जंचती है।

Explanation:

इन पंक्तियों में तुलसीदास जी कहते हैं कि होठों के साथ जो कि मूंगा (विदुरन) की तुलना में लाल (अरुण) होते हैं, उस मुंह (मुख) से बोला गया हर एक शब्द बहुत मीठा यानी मुधर होता है। जबकि उनकी सुंदर नाक में लटकती हुई लटकनियां भी खूब जंचती है।

यह पंक्ति गोस्वामी तुलसीदास (1511 - 1623) के भजन ठुमक चलत रामचंद्र से ली गई है। तुलसीदास हिंदी साहित्य के महान कवि थे। इनका जन्म सोरों शूकरक्षेत्र, वर्तमान में कासगंज (एटा) उत्तर प्रदेश में हुआ था। कुछ विद्वान् आपका जन्म राजापुर जिला बाँदा(वर्तमान में चित्रकूट) में हुआ मानते हैं। कुछ विद्वान तुलसीदास का जन्म गोण्डा जिला के सुकरखेत को भी मानते है। इन्हें आदि काव्य रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि का अवतार भी माना जाता है। श्रीरामचरितमानस का कथानक रामायण से लिया गया है। रामचरितमानस लोक ग्रन्थ है और इसे उत्तर भारत में बड़े भक्तिभाव से पढ़ा जाता है। इसके बाद विनय पत्रिका उनका एक अन्य महत्त्वपूर्ण काव्य है। महाकाव्य श्रीरामचरितमानस को विश्व के 100 सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय काव्यों में शामिल किया गया है।

Answered by Harjeets
4

Answer:

Explanation:

naya patto sa bhi komal hotho sa jab sri ram bolta ha to unki bani madhur lagti ha aur nak ma jo latkanya pahan rakhi ha wo unki sundarti aur badha rahi ha

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