Hindi, asked by romanbolte784, 1 month ago

नीचे दी गई पंक्तियों में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए-
जूता हमेशा टोपी से कीमती रहा है। अब तो जूते की कीमत और बढ़ गई है और एक जूते पर पचीसों टोपियाँ न्योछावर होती हैं।​

Answers

Answered by devadathanvraj06
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Answer:

लेखक यह कहना चाहता है कि जूता टोपी से महंगा होता है इसलिए एक सामान्य व्यक्ति के लिए जूता खरीदना आसान नहीं होता। एक जूते की कीमत में अनेक टोपियां खरीदी जा सकती है। टोपी तो नई पहनी जा सकती है परंतु जूता नया नहीं लिया जा सकता। जीवन की यह विडंबना है कि जिसका स्थान पांव में है अर्थात नीचे है, वह अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है, उसकी कीमत अधिक होती है जबकि सिर पर बिठाने योग्य व्यक्ति को सम्मान कम मिलता है।

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