नीचे दी गई समाचार रिपोर्ट पढ़े और उनमें निम्नलिखित पहलुओं की पहचान करें।
(क) मामला किस बारे में है?
(ख) इस मामले में लाभार्थी कौन है?
(ग) इस मामले में फरियादी कौन है?
(घ) सोचकर बताएँ कि कंपनी की तरफ से कौन-कौन से तर्क दिए जाएँगे?
(ङ) किसानों की तरफ से कौन-से तर्क दिए जाएँगे?
सर्वोच्च न्यायालय ने रिलायंस से दहानु के किसानों को 300 करोड़ रुपए देने को कहा - निजी कारपोरेट ब्यूरो, 24 मार्च 2005
मुंबई - सर्वोच्च न्यायालय ने रिलायंस एनर्जी से मुंबई के बाहरी इलाके दहानु में चीकू फल उगाने वाले किसानों को 300 करोड़ रुपए देने के लिए कहा है। चीकू उत्पादक किसानों ने अदालत में रिलायंस के ताप-ऊर्जा संयंत्र से होने वाले प्रदूषण के विरुद्ध अर्जी दी थी। अदालत ने इसी मामले में अपना फैसला सुनाया है।
दहानु मुंबई से 150 कि.मी. दूर है। एक दशक पहले तक इस इलाके की अर्थ व्यवस्था खेती और बागवानी के बूते आत्मनिर्भर थी और दहानु की प्रसिद्धि यहाँ के मछली पालन तथा जंगलों के कारण थी। सन् 1989 में इस इलाके में ताप- ऊर्जा संयंत्र चालू हुआ और इसी के साथ शुरू हुई इस इलाके की बर्बादी। अगले साल इस उपजाऊ क्षेत्र की फ़सल पहली दफ़ा मारी गई। कभी महाराष्ट्र के लिए फलों का टोकरा रहे दहानु की अब 70 प्रतिशत फ़सल समाप्त हो चुकी है। मछली पालन बंद हो गया है और जंगल विरल होने लगे हैं। किसानों और पर्यावरणविदों का कहना है कि ऊर्जा संयंत्र से निकलने वाली राख भूमिगत जल में प्रवेश कर जाती है और पूरा पारिस्थितिकी-तंत्र प्रदूषित हो जाता है। दहानु तालुका पर्यावरण सुरक्षा प्राधिकरण ने ताप-ऊर्जा संयंत्र को प्रदूषण नियंत्रण की इकाई स्थापित करने का आदेश दिया था ताकि सल्फर का उत्सर्जन कम हो सके। सर्वोच्च न्यायालय ने भी प्राधिकरण के आदेश के पक्ष में अपना फैसला सुनाया था। इसके बावजूद सन् 2002 तक प्रदूषण नियंत्रण का संयंत्र स्थापित नहीं हुआ। सन् 2003 में रिलायंस ने ताप-ऊर्जा संयंत्र को हासिल किया और सन् 2004 में उसने प्रदूषण-नियंत्रण संयंत्र लगाने की योजना के बारे में एक खाका प्रस्तुत किया। प्रदूषण-नियंत्रण संयंत्र चूँकि अब भी स्थापित नहीं हुआ था इसलिए दहानु तालुका पर्यावरण सुरक्षा प्राधिकरण ने रिलायंस से 300 करोड़ रुपए की बैंक-गारंटी देने को कहा।
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Answer with Explanation:
(क) मामला दहानु के चीकू उत्पादक किसानों द्वारा अदालत में रिलायंस के ताप ऊर्जा संयंत्र से होने वाले प्रदूषण के विरुद्ध के बारे में है। सर्वोच्च न्यायालय ने रिलायंस दहानु के किसानों को ₹300 देने को कहा था।
(ख) इस मामले में लाभार्थी रिलायंस एनर्जी है।
(ग) इस मामले में फरियादी दहानु के चीकू उत्पादक किसान है।
(घ) कंपनी की तरफ से निम्न तर्क दिए जाएँगे :
(i) किसान नुकसान को अधिक बढ़ा चढ़ाकर बता रहे हैं।
(ii) ताप - ऊर्जा संयंत्र लगाने से दहानु के लोगों को भारी मात्रा में रोज़गार मिला है। जिससे उन्हें लाभ हुआ है।
(iii) प्रदूषण कम करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण संयंत्र लगाया जाएगा।
(ङ) किसानों की तरफ से निम्न तर्क दिए जाएँगे :
(i) ताप- ऊर्जा संयंत्र लगाने से भूमि बंजर हो गई।
(ii) ताप- ऊर्जा संयंत्र लगाने से मछली पालन बंद हो गया।
(iii) दहानू का पारिस्थितिक तंत्र प्रदूषित हो गया है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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Answer:
वैदिक संस्कृत
लौकिक संस्कृत
पाली
प्राकृत
अपभ्रंश तथा अव्ह्त्त
हिंदी का आदिकाल
हिंदी का मध्यकाल
हिंदी का आधुनिक काल
हिंदी शब्द की उत्पति 'सिन्धु' से जुडी है। 'सिन्धु' 'सिंध' नदी को कहते है। सिन्धु नदी के आस-पास का क्षेत्र सिन्धु प्रदेश कहलाता है। संस्कृत शब्द 'सिन्धु' ईरानियों के सम्पर्क में आकर हिन्दू या हिंद हो गया। ईरानियों द्वारा उच्चारित किया गए इस हिंद शब्द में ईरानी भाषा का 'एक' प्रत्यय लगने से 'हिन्दीक' शब्द बना है जिसका अर्थ है 'हिंद का'। यूनानी शब्द 'इंडिका' या अंग्रेजी शब्द 'इंडिया' इसी 'हिन्दीक' के ही विकसित रूप है।
हिंदी का साहित्य 1000 ईसवी से प्राप्त होता है। इससे पूर्व प्राप्त साहित्य अपभ्रंश में है इसे हिंदी की पूर्व पीठिका माना जा सकता है। आधुनिक भाषाओं का जन्म अपभ्रंश के विभिन्न रूपों से इस प्रकार हुआ है :