Hindi, asked by pradhanratankumar, 5 months ago

नीचे दो गद्यांश दिए गए हैं किसी एक गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर

दीजिए।

5x1 = 5

मनुष्य को सुख कैसे मिलेगा? बड़े-बड़े नेता कहते हैं- वस्तुओं की कमी है, और मशीन बढ़ाओ, और उत्पादन बढ़ाओ, और धन की वृद्धि करो, और बाह्य उपकरणों की ताकत बढ़ाओ। एक बूढ़ा था उसने कहा था- बाहर नहीं भीतर की ओर देखो। हिंसा को मन से दूर करो, मिथ्या को हटाओ, क्रोध और दूवेष को दूर करो, लोगों के लिए कष्ट सहो, आराम की बात मत सोचो, प्रेम की बात सोची आत्म-तोयण की बात सोची, काम करने की बात सोचो। हमारे भारत उसने कहा- प्रेम ही बड़ी चीज है, क्योंकि यह हमारे भीतर हैं। तच्छुखलता पशु की प्रवृत्ति है, स्व का बंधन मनुष्य का स्वभाव है। बूढे की बात अच्छी लगी या नहीं पता नहीं। उसे गोली मार दी गई, आदमी के नाखून के बढ़ने की प्रवृत्ति ही हावी हुई। मैं हैरान होकर सोचता हूँ, बूढ़े ने कितनी गहराई में बैठकर मनुष्य की वास्तविक चरितार्थता का पता लगाया था। ऐसा कोई दिन जब मनुष्य के नाखूनों का बढ़ना बंद हो जाएगा प्राणी शास्त्रियों का ऐसा अनुमान है कि मनुष्य का वह अनावश्यक अंग उसी प्रकार झड़ जाएगा, जिस प्रकार उसकी पूँछ झड़ गई है। उस दिन मनुष्य की पशुता भी लुप्त हो जाएगी। शायद उस दिन वह मारणास्त्रों का प्रयोग बंद कर देगा तब तक इस बात से छोटे बच्चों को परिचित करा देना वांछनीय जान पड़ता है कि नाखून का बढ़ना मनुष्य के भीतर की पशुता की निशानी है और उसे नहीं बढ़ने देना मनुष्य की अपनी इच्छा है, अपना आदर्श है। अस्त्र-शस्त्रों को बढ़ने न देना बृहत्तर जीवन एवं मनुष्यत्व का तकाजा है। मनुष्य में जो घृणा है, जो अनायास बिना सिखाए आ जाती है, वह पशुत्व का द्योतक है और अपने को संयत रखना, दूसरों के मनोभावों का आदर करना मनुष्य का स्वधर्म है बच्चे यह जाने तो अच्छा

हो कि अभ्यास और तप से प्राप्त वस्तुएँ मनुष्य की महिमा को सूचित करती हैं। (1) मनुष्य को सुख कैसे मिलेगा? इसके बारे में नेताओं के क्या विचार हैं?

(क) वस्तुओं की कमी है और मशीन बैठाओ (ख) उत्पादन बढ़ाओ और धन की वृद्धि करो

(ग) बाह्य उपकरणों की ताकत बढ़ाओ (घ) उपर्युक्त सभी

() 'प्रेम ही बड़ी चीज है' कहने वाले बूढ़े को गोली मारने की घटना स्पष्ट करती है कि-

(क) आदमी पर पशुता ही हावी रहती है (ख) अंदर व्याप्त पशुता के हावी होने को रोका जा सकता है

(ग) पशुता मनुष्य की देन है

(घ) पशुता और मनुष्यता
(ग) सिखाए जाने पर घृणा कमजोर या कम होती चली जाती है (घ) मनुष्य की मनुष्यता का भयावह रूप पशुता है

(iv) मनुष्य की बढ़ती हुई पशु-प्रवृत्ति को रोकना ही-

(क) पशुत्व की निशानी है

(ग) मनुष्यत्व की निशानी है

(ख) मनुष्य की हिंसक प्रवृत्ति को बढ़ाने की निशानी है

(घ) धैर्य और वीरता की निशानी है

(1) अपने को संयत रखना और दूसरों के मनोभावों का आदर करना है। (क) कर्तव्यविमूढ़ मनुष्य

(ग) शांत और धैर्यवान पुरुष

(ख) कर्तव्यविमुख मनुष्य

(घ) मनुष्य का स्वधर्म​

Answers

Answered by sujatabasu7798
1

Answer:

hdjdjjsbwb what is this

Answered by suniarseerat91
9

Answer:

Unseen Passage

Explanation:

(i) (क) वस्तुओं की कमी है और मशीन बैठाओ

(ii) (क) आदमी पर पशुता ही हावी रहती है

(iii)  (घ) मनुष्य की मनुष्यता का भयावह रूप पशुता है

(iv) (ग) मनुष्यत्व की निशानी है

(v) (ख) कर्तव्यविमुख मनुष्य

If you like my answer, then please mark it as Brainlist.

Similar questions