नीच दिये शब्द की सहायता से पेड़ों के महत्व पर टिप्पणी तैयार कीजिए पशु पक्षियों का वास स्थान
फल फूल लकड़ी प्रकृति का
शुद्ध हेवा शी तल छाया
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वृक्ष पृथ्वी के निर्माता हैं। ये पृथ्वी के वातावरण को सजीवों के उपयुक्त बनाते हैं। तभी जीवों का निवास हुआ। जहाँ पेड़-पौधे नहीं हैं वहाँ सजीवों का वास कठिन है। चाहे लद्दाख की बर्फ से ढँकी चोटी हो, राजस्थान का रेगिस्तान हो या भू-मध्य रेखा पर के देश हों । सभी जगह आबादी कम होने का कारण है पेड़-पौधों का न होना।
मुख्य रूप से ये हमें ऑक्सीजन देने का काम करते हैं तथा हमारे द्वारा हवा को दिए गए जहर, कार्बन-डाई-ऑक्साइड की मात्रा को शिवजी के गरल पीने जैसा आत्मसात कर लेता है। इस ग्रह पर जीवन होने की यह सबसे बड़ी वजह है।
फल-फूल तो इसकी उदारता है। इसके अलावा मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी पेड़ की ही देन है। धूप-छाँव शब्द पेड़ों की वजह से ही बने हैं । बारिश में उपजाऊ भूमि को बहने से रोकना भी इसी ने सम्भव बनाया है। इनके बिना शाकाहारी सजीवों को भोजन प्राप्त नहीं होता तो मांसाहारी का अस्तित्व कहाँ से जीवन पाता। फिर पशु-पक्षियों का घोंसला नहीं बन पाता। इस प्रकार पृथ्वी का जीवन-चक्र प्रभावित हो जाता। शायद आज की दुनिया का रूप हीं नही बन पाता।
I am not sure about the answer
मुख्य रूप से ये हमें ऑक्सीजन देने का काम करते हैं तथा हमारे द्वारा हवा को दिए गए जहर, कार्बन-डाई-ऑक्साइड की मात्रा को शिवजी के गरल पीने जैसा आत्मसात कर लेता है। इस ग्रह पर जीवन होने की यह सबसे बड़ी वजह है।
फल-फूल तो इसकी उदारता है। इसके अलावा मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी पेड़ की ही देन है। धूप-छाँव शब्द पेड़ों की वजह से ही बने हैं । बारिश में उपजाऊ भूमि को बहने से रोकना भी इसी ने सम्भव बनाया है। इनके बिना शाकाहारी सजीवों को भोजन प्राप्त नहीं होता तो मांसाहारी का अस्तित्व कहाँ से जीवन पाता। फिर पशु-पक्षियों का घोंसला नहीं बन पाता। इस प्रकार पृथ्वी का जीवन-चक्र प्रभावित हो जाता। शायद आज की दुनिया का रूप हीं नही बन पाता।
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