. नि:+चय निश्चय कौन सी संधि का उदाहरण है-
(क) विसर्ग
(ख) स्वर
(ग) व्यंजन
(घ) दीर्घ स्वर संधि
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नि:+चय निश्चय कौन सी संधि का उदाहरण है-
✓(क) विसर्ग
×(ख) स्वर
×(ग) व्यंजन
×(घ) दीर्घ स्वर संधि
नि: + चय = निश्चय
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Answer:
निश्चय का संधि विच्छेद निः + चय होता है।
जिन व्यंजनों में परिवर्तन के कारण संधि है = (विसर्ग + त् /थ् = स्) या (विसर्ग + च् /छ् = श्) या (विसर्ग + ट् /ठ् = ष्)
विसर्ग संधि इस प्रकार है:-व्यंजन संधि के अनेक भेद एवं प्रकार हैं। व्यंजन संधि के निश्चय से संबन्धित भेद को समझाया है। विद्यार्थी व्यंजन संधि को गहराई से समझने के लिए नीचे दिये गए लिंक लिंक पर जाएँ और व्यंजन संधि के सभी 10 नियमों का विस्तार से अध्ययन कर सकते हैं।
निश्चय संधि है : व्यंजन संधि
व्यंजन से स्वर अथवा व्यंजन के मेल से उत्पत्र विकार को व्यंजन संधि कहते है। एक व्यंजन के दूसरे व्यंजन या स्वर से मेल को व्यंजन-संधि कहते हैं। व्यंजन से स्वर अथवा व्यंजन के मेल से उत्पन्न संधि को व्यंजन संधि कहते हैं । व्यंजन के बाद स्वर या व्यंजन आने पर जो परिवर्तन होता है उसे व्यंजन संधि कहते हैं
Explanation:
विसर्ग तथा व्यंजन या स्वर के परस्पर मेल से जो विकार उत्पन्न होता है उसे विसर्ग संधि कहते हैं। यदि प्रथम पद के अंत में किसी भी स्वर के बाद विसर्ग आये तथा दूसरे पद के प्रारंभ में “त् /थ्” आये तो विसर्ग दन्त्य “स्” में और “च् /छ्” आये तो विसर्ग तालव्य ’श’ में और यदि ट् /ठ् आये तो विसर्ग मूर्धन्य “ष्” में बदल जाता है।
नम: + ते = नमस्ते
आ: + चर्य = आश्चर्य
नि: + छल = निश्चल
शिर: + त्राण = शिरस्त्राण (कवच)