नागोजी ओकोंजो-इवेला ने रचा इतिहास, बनी डब्ल्यूटीओ की अगली महानिदेशक
अमेरिका ने यूनाइटेड स्टेट्स ट्रेड रिप्रेजेन्टेटिव (यूएसटीआर) के कार्यालय से एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से नागोजी इवेला को डीजी (डब्ल्यूटीओ) के रूप में समर्थन देने की घोषणा की.
नाइजीरियाई अर्थशास्त्री नगोज़ी ओकोंजो-इवेला को विश्व व्यापार संगठन (WTO) के अगले महानिदेशक के रूप में चुना गया है. वे संगठन का नेतृत्व करने वाली पहली महिला और साथ ही पहली अफ्रीकी होंगी. नाइजीरिया के पूर्व वित्त मंत्री ओकोंजो-इविला, रॉबर्टो अजेवेदो की जगह लेंगी, जिन्होंने अगस्त 2020 में पद छोड़ दिया.
उन्हें अमेरिकी सरकार का भी समर्थन मिला हुआ है. खास बात यह है कि नागोजी को अमेरिकी सरकार ( US Government) का भी समर्थन मिल गया है. अबतक उन्हें दक्षिण कोरिया की यू म्योंग ही से चुनौती मिल रही थी. इन्हें डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन का समर्थन हासिल था. लेकिन उन्होंने अब अपनी दावेदारी वापस ले ली है. इसके बाद नागोजी के डब्ल्यूटीओ का महानिदेशक बनने का रास्ता साफ हो गया है.
अमेरिका का समर्थन मिला
अमेरिका ने यूनाइटेड स्टेट्स ट्रेड रिप्रेजेन्टेटिव (यूएसटीआर) के कार्यालय से एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से नागोजी इवेला को डीजी (डब्ल्यूटीओ) के रूप में समर्थन देने की घोषणा की. प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि बिडेन-हैरिस प्रशासन नागोजी ओकोंजो की उम्मीदवारी के लिए अपना मजबूत समर्थन व्यक्त कर रहा है.
नागोज़ी ओकोंजो-इवेला: एक नजर में
नागोज़ी ओकोंजो-इवेला अपने आप में 25 वर्षों से विश्व बैंक और नाइजीरियाई वित्त मंत्री के रूप में दो कार्यकाल से अर्थशास्त्र और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में ज्ञान का खजाना है. वे डब्ल्यूटीओ का नेतृत्व बेहतरीन तरीके से करेंगी. डॉ नागोजी ने बाइडन प्रशासन को समर्थन के लिए शुक्रिया कहा है.
यू म्योंग ही ने वापस ली दावेदारी
दक्षिण कोरिया की उम्मीदवार यू म्योंग-ही ने 05 फरवरी 2021 को अपनी दावेदारी वापस ले ली. दरअसल, इससे पहले उन्हें अमेरिकी सरकार का समर्थन प्राप्त था. लेकिन बाइडन सरकार ने उनकी जगह नागोजी का समर्थन कर दिया है. उन्होंने इसके बाद अपनी दावेदारी वापस ले ली. इससे पहले नवंबर 2020 में अमेरिका द्वारा आपत्ति उठाए जाने के बाद नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया रुकी थी.
विश्व व्यापार संगठन के बारे में
विश्व व्यापार संगठन (WTO) विश्व में व्यापार संबंधी अवरोधों को दूर कर वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देने वाला एक अंतर-सरकारी संगठन है. इसकी स्थापना 01 जनवरी 1995 में मराकेश समझौते के तहत की गई थी. इसका मुख्यालय जिनेवा में है.
वर्तमान में विश्व के 164 देश इसके सदस्य हैं. अफगानिस्तान 29 जुलाई 2016 को इसका 164वाँ सदस्य बना. सदस्य देशों का मंत्रिस्तरीय सम्मेलन इसके निर्णयों के लिये सर्वोच्च निकाय है. इसकी बैठक प्रत्येक दो वर्षों में आयोजित की जाती है.
विश्व व्यापार संगठन के महानिदेशक मुख्य कार्यकारी बोर्ड में भाग लेते हैं जो संयुक्त राष्ट्र प्रणाली का समन्वयक अंग है. विश्व व्यापार संगठन का मुख्य उद्देश्य विश्व में मुक्त, अधिक पारदर्शी तथा अधिक अनुमन्य व्यापार व्यवस्था को स्थापित करना है.
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