नागालैंड में खनिज पदार्थों पर अनुच्छेद लिखिए
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नागालैंड राज्य की लगभग 90 प्रतिशत जनता कृषि में लगी है। यहाँ की मुख्य फ़सलें चावल (खरीफ चावल :701,00 हेक्टेयर: रबी चाबल: 58,900 हेक्टेयर), मक्का (24,900 हेक्टेयर), ज्वार-बाजरा (14,00 हेक्टेयर), दलहन (मटर और फलियाँ जैसी दालें) तिलहन (11,580 हेक्टेयर) रेशेदार फ़सलें, गन्ना, आलू और तंबाकू हैं। लेकिन नागालैंड को अब भी पड़ोसी राज्यों से खाद्य-पदार्थों के आयात पर निर्भर रहना पड़ता है। यहाँ 8,16,212 एकड़ (3,30,450 हेक्टेयर) भूमि पर कृषि होता है, जबकि 54,400 हेक्टेयर भूमि सिंचित है। उर्वरा शक्ति में कमी आई है। दक्षिणी ज़िले कोहिमा के अंगामी और चाखेसांग लोग ही सीढ़ीदार खेत और सिंचाई तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं। पारंपरिक उपकरणों में हल्के कुदाल, दाब (बहुपयोगी भारी चाकू) और हंसिया शामिल हैं। मैदानी हिस्सों को छोड़कर अन्य जगहों पर हल का इस्तेमाल नहीं होता है। वानिकी आय और रोज़गार का प्राथमिक साधन है|
नगालैंड में क्रोमियम, निकल, कोबाल्ट, लौह अयस्क और चूना-पत्थर पाए जाते हैं, लेकिन फिलहाल सिर्फ निम्न श्रेणी के कोयला भंडारों का ही खनन किया जा रहा है। पश्चिमी ज़िले वोखा में खनिज तेल मिला है और असम के पास दिखू घाटी में तेल के रिसावों से पता चलता है कि यहाँ तेल के खनन योग्य भंडार मौजूद हैं।