(ङ) गिलहरी के घायल बच्चे का उपचार किस प्रकार किया गया ?
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Explanation:
गिलहरी के घायल बच्चे के घाव पर लगे खून को पहले रुई के फाहे से साफ किया गया। उसके बाद उसके घाव पर पेंसिलिन का मलहम लगाया गया। उसके बाद रुई के फाहे से उसे दूध पिलाने की कोशिश की गई जो असफल रही। लगभग ढ़ाई घंटे के उपचार के बाद गिलहरी के बच्चे के मुँह में पानी की कुछ बूँदें जा सकीं
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Explanation:
पहले तो लेखिका ने उस गिलहरी के घायल बच्चे को घर में लाया उनके रिश्तेदारों ने उनसे कहा कि यह बच्चा तो बहुत घायल है और यह बच नहीं सकता और उसे वैसे ही छोड़ दिया जाए तब उन्होंने उसे वैसे ही नहीं छोड़ा बल्कि उसके खून से लथपथ को रुई के फाहे से पोंछ दिया और उसके बाद रुई की बत्ती से उसे दूध पिलाने की कोशिश की उसका मुंह खुला सका और दूध की बूंदे दोनों ओर से डर लग गई फिर भी लेखिका ने कोशिश करना जारी रखा और दो-तीन दिन की उपचार के बाद गिल्लू की अवस्था ठीक हुई थोड़े दिनों के बाद उसकी अवस्था इतनी आश्वासक हो गई कि वह अपने दोनों पंजों पर खड़ा होकर अपने दो पंजों से लेखिका की उंगली थाम ने लगा