निगोदिया जीवो की भूमि
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निगोदिया जीवो
Explanation:
निगोदिया जीव
जो अनन्तो जीवो को एक निवास दे उसे निगोद कहते है । आशय यह है की एक ही साधारण शरीर में जहा अनंतो जीव निवास करते है वह निगोद है।
जिन जीवात्माओं ने निगोद को छोडकर एक बार भी बादर पर्याय प्राप्त की हो वे व्यवहार राशि के जीव कहलाते हैं । वे जीव, जो अनन्तकाल-अनादिकाल से निगोद में ही स्थित है, एक बार भी बादरकायिक स्थिति को प्राप्त नही किया है वे अव्यवहार राशि के जीव किसे कहलाते है। जब एक जीवात्मा सकल कर्मों का क्षय करके सिद्ध पद को प्राप्त करता है तब एक जीवात्मा अव्यवहार राशि में से व्यवहार राशि में आता हैं ।निगोद के जीवो की काय स्थिति तीन प्रकार की होती है
- अनादि अनन्त
- अनादि सांत
- सादि सांत
सूक्ष्म निगोद के जीव दो प्रकार के होते हैं 1.सांव्यवहारिक निगोद 2.असांव्यवहारिक निगोद ।
एक जीव जब समस्त कर्मों का क्षय करके मोक्ष को प्राप्त करता है तब एक जीव अव्यवहार राशि से व्यवहार राशि में आता हैं । वह जीव मृत्यु पाकर पुनः सूक्ष्म निगोद में उत्पन्न हो जाये तो वह सांव्यवहारिक जीव कहलाता है ।