नागर जी की ‘एटम बम’ कहानी में देश-काल और वातावरण की यथार्थता और चित्रात्मकता ध्यान आकर्षित करने वाली है।"" इस कथन की समीक्षा कीजिए।
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देश-काल और वातावरण कहानी का महत्त्वपूर्ण तत्व है जो उसमें विश्वसनीयता और प्रभावशीलता उत्पन्न कर देता है।’एटम बम’ कहानी में नागर जी ने द्वितीय विश्व युद्ध की पृष्ठभूमि में 1945 में अमेरिका द्वारा जापान के हिरोशिमा और नागासाकी नगरों पर गिराये गए एटम बम की घटना को आधार बनाया है। देश-काल का वर्णन तो पूर्ण यथार्थता लिए हुए है ही, अमृत लाल नागर ने वातावरण की सृष्टि भी इतनी सूक्ष्मता और कुशलता के साथ की है कि आँखों के समक्ष उन दृश्यों के भयानक चित्र उपस्थित हो जाते हैं।
बम विस्फोट के बाद की विनाश लीला, खण्डहर और वीरान शहर, धुआँ और गन्धक की बदबू के साथ जलन आदि उस युद्ध की तस्वीरों को साकार कर देती है। अस्पताल के शोरगुल, ‘भयावह और करुणाजनक दृश्यों का अंकन कहानी के वातावरण को साकार कर देते हैं। अतः यह कहानी वातावरण सृष्टि की दृष्टि से अनुपम एवं अद्वितीय है।