Hindi, asked by aakashisng, 1 month ago

(ङ) गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक हो सकता है (i) मनुष्य का गुरु (ii) विवेक शक्ति (iii) दानवी शक्ति (iv) पाशविक प्रवृत्ति​

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Answered by romikachauhan84
8

Answer:

I think of (ii) विवेक शक्ति

Answered by himanshu121190
2

उपरोक्त गद्यांश  का शीर्षक " विवेक शक्ति " है |

Explanation:

मानव जाति को अन्य जीवधारियों से अलग करके महत्त्व प्रदान करने वाला जो एकमात्र गुरु है, वह है उसकी विचार-शक्ति। मनुष्य के पास बुधि है, विवेक है, तर्कशक्ति है अर्थात उसके पास विचारों की अमूल्य पूँजी है। अपने सविचारों की नींव पर ही आज मानव ने अपनी श्रेष्ठता की स्थापना की है और मानव-सभ्यता का विशाल महल खड़ा किया है। यही कारण है कि विचारशील मनुष्य के पास जब सविचारों का अभाव रहता है तो उसका वह शून्य मानस कुविचारों से ग्रस्त होकर एक प्रकार से शैतान के वशीभूत हो जाता है। मानवी बुधि जब सद्भावों से प्रेरित होकर कल्याणकारी योजनाओं में प्रवृत्त रहती है तो उसकी सदाशयता का कोई अंत नहीं होता, किंतु जब वहाँ कुविचार अपना घर बना लेते हैं तो उसकी पाशविक प्रवृत्तियाँ उस पर हावी हो उठती हैं। हिंसा और पापाचार का दानवी साम्राज्य इस बात का द्योतक है कि मानव की विचार-शक्ति, जो उसे पशु बनने से रोकती है, उसका साथ देती है।

उपरोक्त गद्यांश  का शीर्षक " विवेक शक्ति " है |

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